आज बहुत दिनों बाद साईकिल टूर पर निकला...पिछले दिनों उमस ही इतनी थी ....घर से निकलते ही कुछ लोग बड़े अनुशासन में सड़क के एक तरफ़ पर चलते हुए श्री काशीनाथ स्मारक की तरफ़ उन की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में रखे एक आयोजन की तरफ़ चले जा रहे थे...
बंगला बाज़ार से रैली स्थल की तरफ़ प्रस्थान करते लोग.. |
बिजली पासी किले का वह द्वार जो जेल रोड़ (बंगला बाज़ार) की तरफ़ खुलता है .. |
खाने पीने की चीज़ों का धंधा ज़ोरों पर था..सुबह के नाश्ते का जुगाड़ |
बिजली पासी किले ग्राउंड एक द्वार |
किला चौराहे से आगे से भी लोग आ रहे थे..शायद रमाबाई स्मारक से आ रहे होंगे |
सभी सड़कें रैली स्थल की ओर जाती दिखीं.. |
बिजली पासी किले स्मारक का मेन गेट ..यहां खानपान की व्यवस्था है ...पिछले दो तीन दिनों से यहां टैंट लग रहे थे.. |
फकड़ी पुल पर यह अपना धंधा चमकाता दिखा...गठड़ी वाले को इस की बीन रोक नहीं पाई लगता है ... |
स्मारक स्थल के बाहर पानी के टैंकर की व्यवस्था .. |
यह उस रैली स्थल का मुख्य प्रवेश-द्वार ...ज़ूम कर के देखिए... |
किताबें बिक रही थीं, फ्रूट चाट , लईया-चना, कमीज़ों की रेहड़ीयां का काम अच्छा चल रहा था.. |
ये ऊपर खाली सड़कें शायद इसलिए खाली हैं क्योंकि ये लोगों के आने का मुख्य रुट नहीं था.. |
घर में भी अकेले ..बाहर भी अकेले ....कुछ बुज़ुर्ग... लेकिन विश्व बुज़ुर्ग दिवस तो हम लोगों ने सेलीब्रेट कर लिया है न पहले ही ... |
भाई, तुम कहां?...यह मेरा सहायक सुरेश है ...इस की ड्यूटी स्टेशन पर लगी थी ... बाहर गांव से आने वाले लोगों के एमरजैंसी इलाज वाली टीम के एक हिस्से के रूप में |
स्मारक के अंदर जाने के लिए ऊंची दीवार फांदने का उत्साह भी देखने लायक था.. एक अधेड़ औरत भी इस में शामिल थी... |
बंगला पुल के पास भीड़ काफी थी, लेकिन बड़ी सुव्यवस्थित और शांत .. |
यह कार्यकर्ता प्रचार गीत के ऊपर थिरक कर लोगों को एंटरटेन भी कर रहा था.. |
बंगला पुल |
बंगला बाज़ार से अभी भी लोग निरंतर रैली स्थल की तरफ़ प्रस्थान कर रहे थे .. |
चित्र अधिक बातें कम.
जवाब देंहटाएंमुझे भी यही लगा....शुक्रिया।
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