जब तक लोग खुद जागरूक नहीं होंगे ..नकली खोया ऐसे ही खपता रहेगा, तंबाकू वाले मंजन धडा़धड बिकते रहेंगे, लोग बाज नहीं आते, किसी की नहीं सुनते, चीनी पटाखे-फुटझड़ियां भी बिकेंगी, चीना मांझा चाहे जितने गले काट दे चलता रहेगा...हम नहीं सुधरेंगे।
जैसे जैसे हम उम्र में बड़े हो रहे थे हमें कभी कभी पता चलता था कि फलां फलां बंदा या कोई महिला घर के बाहर जाकर कुछ भी नहीं खाते..इधर यू.पी में तो कुछ ज़्यादा ही देखा इस तरह का परहेज एक विशेष तबके के लोगों में ....बाहर से कुछ नहीं खाएंगे ..सफर में भी नहीं, लईया-चना, सत्तू, फल-फ्रूट या कुछ भी घर से लेकर चलेंगे, लेकिन बाहर से कुछ भी लेकर खाना इन्हें गवारा नहीं है....मैं जानता हूं कि यह सब केवल सेहत की सुरक्षा के लिए ही नहीं होता रहा है ....इस के पीछे कुछ और कारण भी हैं जैसे कि कुछ लोग आज के जमाने में भी इस बार का ध्यान रखते हैं कि बाहर का खाना किस ने बताया होगा ...कुछ पता नहीं!
मुझे कुछ साल पहले तक तो शायद यह एक सनक ही लगती थी कि बाहर से कुछ भी नहीं खाएंगे ..ऐसा कैसे हो सकता है! लेकिन जैसे जैसे अपने ऊपर बीतती गई यह बात पते की है यह पता चलता रहा। जब भी बाहर खाया, अपनी तबीयत खराब की.......यह सिलसिला अभी भी जारी है ..शायद पांच सितारा होटलों को छोड़ कर ...लेकिन वहां हम लोग खाते ही कितना है!
बहरहाल, अब मेरा यह मानना है कि जो भी लोग घर से बाहर खाने में जितना हो सके बच के रह सकते हैं वे बहुत बुद्धिमान हैं...उन के ऐसा न करने के कारण कुछ भी हो सकते हैं...शायद पुरानी रूढियों और भ्रांतियों से प्रेरित......लेेकिन मैं तो बस यहां सेहत की सुरक्षा के नजरिये से बात कर रहा हूं..
आज अभी सुबह की अखबार उठाई तो पता चला कि यहां यूपी के काकोरी में (लखऩऊ के पास ही है यह जगह ..काकोरी कांड को तो आप जानते ही होंगे) ..कुछ लोगों को घटिया मिल्क पाउडर से खोया बनाते गिरफ्तार किया गया...मौके से १८ कुंतल नकली खोया जब्त कर दिया गया।
मुखबिर से सूचना मिली थी कि घटिया स्किम्ड मिल्क पाउडर में स्टार्च मिलाया जाता था, इसके बाद पामोलीन ऑयल, चीनी मिलाई जाती थी, शुद्ध खोये की रंगत देने के लिए आरोपी पीला रंग मिला देते थे। यह सब कुछ मौके से बरामद भी किया गया...
छोटी दुकानें, गांव-कसबों के खोमचों में ही यह सब नहीं खपेगा...लखनऊ जैसे महानगरों की बड़ी हाई-जैंट्री दुकानें भी कहां अछूती हैं इन सब से ...इन की करतूतों के कच्चे चिट्ठे भी मीडिया दुनिया के सामने खोलता ही रहता है ...
आप भी ज़रा सोचिए कि आप जिस भी राज्य या शहर में रहते हों, आप ने नकली खोये की बातें ज़रूर सुनी होंगी....पहले जब हम लोग पंजाब हरियाणा में थे तो सुनते थे कि मुजफ्फरनगर नकली खोये का हब है ...यकीन कर लेते थे ..पकड़ा भी जाता है बहुत बार ..लेकिन इस के कुछ नहीं होता ...इस तरह के कारोबारीयों के तार ऊपर तक जुड़े होते हैं ...व्हिसल ब्लोउर को ही एक इशारे पर खत्म करवा दें अगर चाहें तो ...और वह हर जगह अकेला!
कानून बड़े सख्त हो गये हैं मिलावटी सामान से संबंधित .....लेकिन आप ने कब सुना कि फलां फलां बंदा नकली खोया बेचने या सिंथेटिक दूध बेचने के इल्जाम में जेल में सड़ रहा है ....मुझे नहीं याद कि मैंने कभी सुना हो !
वैसे एक बात है कि इन मिलावटखोरो को सजा बड़ी दर्दनाक मिलनी चाहिए...लोगो ं की सेहत से इतना बड़ा खिलवाड़...अब अगर कुछ भी ऐसा वैसा शरीर में जा रहा है तो लिवर-किडनी जैसे अंगों को खराब होने से आप कैसे रोक सकते हैं....सस्ते मिल्क पावडर की बात से याद आया शायद आज से पंद्रह साल पहले की बात जब सस्ते किस्म के मिल्क-पावडर से दर्जनों बच्चे चल बसे थे...उन के गुर्दे खराब हो गये थे ..बाद में जांच हुई तो पता चला कि मिल्क पावडर में यूरिया और पता नहीं ऐसी कुछ और चीज़ों की मिलावट हुई मिली थी...
ठीक कहती है विद्या बालन जो लोगों को तो कह कह के थक चुकी है ..अब मख्यियों से कह लेती है कि लोगों की सेहत का ध्यान करियो.....काश, सभी लोग सचेत हो जाएं .....वरना फिर खोये से ही बात करनी होगी !
मत खाइए मिठाईयां, न इस दीवाली पर न ही इस ईद पर ....कभी नहीं.....एक बात और, आप भी न खाईए, औरों के लिए भी न लेकर जाइए....पता है एक बात है , हम चाहे कितने भी संयम से रह रहे हों तो भी कहीं से मिठाई आने पर तो खा ही लेते हैं ....सब मिलावट, घटिया खोये, मैदे, घटिया किस्म के रंग और फ्लेवर्ज़ का कमाल है, और कुछ नहीं है......सेहत खराब, बहुत खराब करने के लिए बनी हैं ये सब चीज़ें ....मैं वैसे तो मिठाई बहुत कम ही खाता हूं ...मुझे पसंद तो बहुत है ...लेकिन पिछले २५ सालों में कुछ हालात ही ऐसे बने कि लगभग छूट ही गई ये मिठाईयां ...मिलावट के डर ने ऐसा खौफ़ज़दा किया कि आम तौर पर चाह कर भी खोये या बाहर के पनीर से तैयार हुई कोई भी चीज़ खाने की इच्छा ही नहीं होती !
आप भी ध्यान रखिएगा और बच के रहिए...दीवाली आ रही है!
जैसे जैसे हम उम्र में बड़े हो रहे थे हमें कभी कभी पता चलता था कि फलां फलां बंदा या कोई महिला घर के बाहर जाकर कुछ भी नहीं खाते..इधर यू.पी में तो कुछ ज़्यादा ही देखा इस तरह का परहेज एक विशेष तबके के लोगों में ....बाहर से कुछ नहीं खाएंगे ..सफर में भी नहीं, लईया-चना, सत्तू, फल-फ्रूट या कुछ भी घर से लेकर चलेंगे, लेकिन बाहर से कुछ भी लेकर खाना इन्हें गवारा नहीं है....मैं जानता हूं कि यह सब केवल सेहत की सुरक्षा के लिए ही नहीं होता रहा है ....इस के पीछे कुछ और कारण भी हैं जैसे कि कुछ लोग आज के जमाने में भी इस बार का ध्यान रखते हैं कि बाहर का खाना किस ने बताया होगा ...कुछ पता नहीं!
मुझे कुछ साल पहले तक तो शायद यह एक सनक ही लगती थी कि बाहर से कुछ भी नहीं खाएंगे ..ऐसा कैसे हो सकता है! लेकिन जैसे जैसे अपने ऊपर बीतती गई यह बात पते की है यह पता चलता रहा। जब भी बाहर खाया, अपनी तबीयत खराब की.......यह सिलसिला अभी भी जारी है ..शायद पांच सितारा होटलों को छोड़ कर ...लेकिन वहां हम लोग खाते ही कितना है!
बहरहाल, अब मेरा यह मानना है कि जो भी लोग घर से बाहर खाने में जितना हो सके बच के रह सकते हैं वे बहुत बुद्धिमान हैं...उन के ऐसा न करने के कारण कुछ भी हो सकते हैं...शायद पुरानी रूढियों और भ्रांतियों से प्रेरित......लेेकिन मैं तो बस यहां सेहत की सुरक्षा के नजरिये से बात कर रहा हूं..
आज अभी सुबह की अखबार उठाई तो पता चला कि यहां यूपी के काकोरी में (लखऩऊ के पास ही है यह जगह ..काकोरी कांड को तो आप जानते ही होंगे) ..कुछ लोगों को घटिया मिल्क पाउडर से खोया बनाते गिरफ्तार किया गया...मौके से १८ कुंतल नकली खोया जब्त कर दिया गया।
मुखबिर से सूचना मिली थी कि घटिया स्किम्ड मिल्क पाउडर में स्टार्च मिलाया जाता था, इसके बाद पामोलीन ऑयल, चीनी मिलाई जाती थी, शुद्ध खोये की रंगत देने के लिए आरोपी पीला रंग मिला देते थे। यह सब कुछ मौके से बरामद भी किया गया...
छोटी दुकानें, गांव-कसबों के खोमचों में ही यह सब नहीं खपेगा...लखनऊ जैसे महानगरों की बड़ी हाई-जैंट्री दुकानें भी कहां अछूती हैं इन सब से ...इन की करतूतों के कच्चे चिट्ठे भी मीडिया दुनिया के सामने खोलता ही रहता है ...
आप भी ज़रा सोचिए कि आप जिस भी राज्य या शहर में रहते हों, आप ने नकली खोये की बातें ज़रूर सुनी होंगी....पहले जब हम लोग पंजाब हरियाणा में थे तो सुनते थे कि मुजफ्फरनगर नकली खोये का हब है ...यकीन कर लेते थे ..पकड़ा भी जाता है बहुत बार ..लेकिन इस के कुछ नहीं होता ...इस तरह के कारोबारीयों के तार ऊपर तक जुड़े होते हैं ...व्हिसल ब्लोउर को ही एक इशारे पर खत्म करवा दें अगर चाहें तो ...और वह हर जगह अकेला!
कानून बड़े सख्त हो गये हैं मिलावटी सामान से संबंधित .....लेकिन आप ने कब सुना कि फलां फलां बंदा नकली खोया बेचने या सिंथेटिक दूध बेचने के इल्जाम में जेल में सड़ रहा है ....मुझे नहीं याद कि मैंने कभी सुना हो !
वैसे एक बात है कि इन मिलावटखोरो को सजा बड़ी दर्दनाक मिलनी चाहिए...लोगो ं की सेहत से इतना बड़ा खिलवाड़...अब अगर कुछ भी ऐसा वैसा शरीर में जा रहा है तो लिवर-किडनी जैसे अंगों को खराब होने से आप कैसे रोक सकते हैं....सस्ते मिल्क पावडर की बात से याद आया शायद आज से पंद्रह साल पहले की बात जब सस्ते किस्म के मिल्क-पावडर से दर्जनों बच्चे चल बसे थे...उन के गुर्दे खराब हो गये थे ..बाद में जांच हुई तो पता चला कि मिल्क पावडर में यूरिया और पता नहीं ऐसी कुछ और चीज़ों की मिलावट हुई मिली थी...
ठीक कहती है विद्या बालन जो लोगों को तो कह कह के थक चुकी है ..अब मख्यियों से कह लेती है कि लोगों की सेहत का ध्यान करियो.....काश, सभी लोग सचेत हो जाएं .....वरना फिर खोये से ही बात करनी होगी !
मत खाइए मिठाईयां, न इस दीवाली पर न ही इस ईद पर ....कभी नहीं.....एक बात और, आप भी न खाईए, औरों के लिए भी न लेकर जाइए....पता है एक बात है , हम चाहे कितने भी संयम से रह रहे हों तो भी कहीं से मिठाई आने पर तो खा ही लेते हैं ....सब मिलावट, घटिया खोये, मैदे, घटिया किस्म के रंग और फ्लेवर्ज़ का कमाल है, और कुछ नहीं है......सेहत खराब, बहुत खराब करने के लिए बनी हैं ये सब चीज़ें ....मैं वैसे तो मिठाई बहुत कम ही खाता हूं ...मुझे पसंद तो बहुत है ...लेकिन पिछले २५ सालों में कुछ हालात ही ऐसे बने कि लगभग छूट ही गई ये मिठाईयां ...मिलावट के डर ने ऐसा खौफ़ज़दा किया कि आम तौर पर चाह कर भी खोये या बाहर के पनीर से तैयार हुई कोई भी चीज़ खाने की इच्छा ही नहीं होती !
आप भी ध्यान रखिएगा और बच के रहिए...दीवाली आ रही है!
बहुत ही उम्दा ..... बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .... Thanks for sharing this!! :) :)
जवाब देंहटाएंशुक्रिया।
हटाएंNice.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
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