दो दिन पहले हिंदी के अखबार के पहले पन्ने के आधे हिस्से में टाटा के लोहे वाले नमक का विज्ञापन पसरा हुआ था..खुशी हुई कि ऐसा नमक भी मिलने लगा है ..वैसे टीवी में तो विज्ञापन आ ही रहे हैं...
टाटा कंपनी है, इसलिए गुणवत्ता के बारे में तो कोई चिंता करने की बात ही नहीं, टाटा के नमक का नाम आते ही याद आ जाता है वह विज्ञापन...नमक हो टाटा का, टाटा नमक..
इस तरह से नमक की आयोडीन, आयरन जैसी तत्वों से फोर्टीफिकेशन बहुत आधुनिक तकनीक से किया जाता है, टाटा कंपनी कभी अपने किसी भी प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर समझौता नहीं करती ..वैसे भी इस तरह की तकनीक डिवेल्प करने में नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ न्यूट्रीशन का पूरा सहयोग रहा है।
निःसंदेह यह एक बहुत बड़ा कदम है देश में लोगों की रक्त की कमी (एनीमिया) से जूझने का। मुझे बहुत खुशी है कि शुरूआत हुई है...इस के साथ साथ लोगों को बहुत सी बातें समझाने की ज़रूरत है ...विशेषकर यह बात कि बस, यह लोहे वाला नमक कोई जादू ही न कर देगा...इस के लिए अपने खान पान के चुनाव का भी ध्यान देना होगा...मेरा इशारा महंगे खाद्य-पदार्थों की तरफ़ नहीं है, बस जंक फूड, फास्ट फूड को त्याग कर पौष्टिक खाने को अपनाने की बात है ..तभी तो रक्त बनेगा।
मैंने पिछले चार दिन से इस विषय पर जो रिसर्च की उस के मुताबिक अभी जनता को इस के बहुत से पहलूओं के बारे में बताया जाना बहुत ज़रूरी है.. पता नहीं इतने दिनों से मीडिया में कुछ दिखा क्यों नहीं इस विषय पर ..शायद इसलिए कि यह प्रोडक्ट वैसे तो बड़े शहरों में २०१३ से ही चल रहा है, मुझे इस की जानकारी नहीं थी, नेट से ही पता चला...
मुझे मेरे एक प्रश्न का जवाब क्लियर कहीं नहीं मिला...इस कंपनी की हेल्पलाइन पर फोन भी किया लेकिन बात नहीं हो पाई, मैडीकल कालेज के एक प्रोफैसर एवं विभागाध्यक्ष को ई-मेल से भी पूछा.... अभी जवाब नहीं आया...सब से विश्वसनीय साईट्स भी खंगाल लीं...लेकिन इस विषय पर कुछ नहीं दिखा कि अगर कोई व्यक्ति है जिस का हीमोग्लोबिन सामान्य है, क्या वह इस तरह के फोर्टीफाईड नमक (fortified with iron and iodine)का इस्तेमाल कर सकता है..प्रामाणिक जानकारी नहीं मिली मुझे अभी तक।
रक्त रोग विशेषज्ञ ने लिखी एनीमिया पर किताब .. (पढ़ने के लिए क्लिक करिए)
लोहे वाले टाटा नमक के विज्ञापन में इस बार की तरफ़ विशेष ध्यान आकर्षित किया जा रहा है कि इसे दस ग्राम खाने से रोज़ाना आप की ऑयरन (लोहे) की दिन भर की ज़रूरत का आधा हिस्सा आप को मिल जायेगा...
बात यह विचार करने योग्य है कि एक परिवार में जिन लोगों का एचबी स्तर ठीक है, नार्मल है, इस का मतलब वे आॉयरन ठीक ठीक मात्रा में पहले ही से ले रहे होंगे, तभी तो सब कुछ दूरूस्त है...अब अगर ऊपर से यह नमक में मौजूद ऑयरन भी उन्हें मिलने लगेगा तो क्या शरीर में इस से कोई हानि तो नहीं होने लगेगी, ऑयरन शरीर के विभिन्न अंगों में जमने तो नहीं लगेगा....कुछ शारीरिक तकलीफ़ें हैं जो शरीर में ऑयरन की मात्रा ज़रूरत से ज़्यादा होने पर भी हो जाती हैं.
निःसंदेह अधिकतर महिलाओं, बच्चों, किशोरावस्था में, युवावस्था में, गर्भवती महिलाओं में, स्तनपान करवाने वाली माताओं के लिए इस तरह का प्रोड्क्ट एक तोहफे जैसा है...और कैसे भी बिना किसी किंतु-परंतु के उन्हें तो इसे इस्तेमाल करना शुरू कर ही देना चाहिए, एक बार अपने चिकित्सक से पूछ कर।
कोई यह तर्क भी दे सकता है घर में इतने सारे लोगों के लिए अगर यह प्रोड्क्ट इतना बढ़िया है तो हरिये का क्या, वह अपना अलग नमक इस्तेमाल कर ले, मैंने भी ऐसे सोचा है, लेकिन यह यथार्थ नहीं हैं, जिस तरह से देश में खाना तैयार होता है, यह संभव नहीं होगा कि "मर्द" के लिए अलग खाना बने अलग नमक के साथ, यह हो नहीं पायेगा...न तो इतनी अवेयरनैस ही है, और न ही इतना झंझट हो पायेगा...होगा वही कि अगर कहीं से यह सुगबुगाहट भी हो गई कि यह तो हरिया के लिए ठीक नहीं है, तो न चाहते हुए भी फिर यह नमक घर में आया ही नहीं करेगा...क्योंकि देश में आम तौर पर सब से कीमती जान घर के "मर्द" की ही मानी जाती है...साथ में बेटों की (छोटे मर्द)...बाकी सब लोग तो जैसे तैसे काम चला ही लेते हैं..
इसलिए मेरे विचार में जल्दी से इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए...मैं अपने स्तर पर भी कोशिश करूंगा, मैडीकल कालेज के प्रोफैसर से मिलूंगा... इस के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के बाद आप के पास वापिस आऊंगा.. आप भी अपने स्तर पर इस का जवाब ढूंढिएगा...प्रश्न ज़रूरी है ...आप की सेहत का मसला है, कहीं यह भी न हो कि जानकारी के अभाव में लोग बाग इसे ज़्यादा इसलिए खाने लगें कि यह लोहे वाला है ...और इसी चक्कर में ब्लड-प्रेशर का स्तर बढऩे लग जाए।
आने वाले दिनों में बहुत सी बातें क्लियर हो जाएंगी...लेकिन जो प्रश्न मैंने आप के समक्ष रखा है, उसे ध्यान में रखते हुए ही कोई निर्णय लीजिए..तब तक आप यह कर सकते हैं कि घर में कम रक्त की कमी से परेशान बाशिंदों को तो इसे इस्तेमाल करने की सलाह दे ही दें....मैंने टाटा प्लस की साइट पर भी इस प्रश्न का जवाब ढूंढना चाहा तो वे भी इस बात का गोलमोल जवाब दे रहे हैं...ऊपर देखिए स्क्रीनशॉट...आप इस लिंक पर जा कर इस प्रोडक्ट के बारे में अधिक जानकारी पा सकते हैं... इस तरह के नमक के स्वाद के बारे में और कुछ अन्य ज़रूरी जानकारी भी यहां आप को मिल जायेगी...
आने वाले दिनों में बहुत सी बातें क्लियर हो जाएंगी...लेकिन जो प्रश्न मैंने आप के समक्ष रखा है, उसे ध्यान में रखते हुए ही कोई निर्णय लीजिए..तब तक आप यह कर सकते हैं कि घर में कम रक्त की कमी से परेशान बाशिंदों को तो इसे इस्तेमाल करने की सलाह दे ही दें....मैंने टाटा प्लस की साइट पर भी इस प्रश्न का जवाब ढूंढना चाहा तो वे भी इस बात का गोलमोल जवाब दे रहे हैं...ऊपर देखिए स्क्रीनशॉट...आप इस लिंक पर जा कर इस प्रोडक्ट के बारे में अधिक जानकारी पा सकते हैं... इस तरह के नमक के स्वाद के बारे में और कुछ अन्य ज़रूरी जानकारी भी यहां आप को मिल जायेगी...
मैं भी कैसी ऊट-पटांग नमकीन, कसैली बातें लेकर बैठ गया ..होली के सीजन में, वह भी लखनऊ शहर में ...जब बातें गुजिया, गुलाल, फूलों और रंगों की होनी चाहिए..बस....
जागरूक लेख नमक पर ...आजकल thaayrad से घबराई हुई है जनता ...और आज मैं खबर सुन रहा हूँ ,,कि हर तीन भारतीय में दो नकली दूध पी रहे हैं..uriya,डिटर्जेंट पाउडर etc की मिलावट वाला ...जो हड्डियों को गला देगा ..इस पर भी रौशनी डाले भाई जी ..शुक्रिया जी |
जवाब देंहटाएंOk...dear saluja ki..
हटाएंकुछ पता ही नहीं चलता है कि क्या खाया जाय क्या नहीं।very confusing.नए प्रोडक्ट आते है पर उनकी प्रमाणिकता कहीं मिलती नहीं आम आदमी तो समझ ही नही पाता है।
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