मंगलवार, 3 फ़रवरी 2015

आईए दोस्तो, कुछ Quotes हम सब भी बनाएं....

दो दिन पहले मैं पिन्ट्रस्ट की साइट देख रहा था... दो घंटे हो गए...मुझे कुछ अच्छे से Quotes पढ़ने की तलब हो रही थी।

लगभग दो घंटे हो गये...मुझे एक दो ही ऐसे लगे जिसे मैं आप सब से शेयर कर सकूं... वैसे मैंने कागज पर लिख कर आप से मीडिया डाक्टर के गूगल प्लास पेज पर शेयर भी किया।


जब मैंने इसे शेयर किया तो मुझे यही लगा कि ऐसा भी क्या कि हम लोग दूसरे के Quotes ढूंढने में समय बिता देते हैं...जिसने वे बातें कही हैं वह भी तो हम सब जैसा ही मानस है..और मैंने अपने आप से पूछा कि क्या मेरे को इस बात का पता नहीं था....बिल्कुल पता था, तो फिर हम किसी की Quotes ढूंढने की बजाए स्वयं अपने लिए ही कुछ दस बीस शब्द लिख लिया करें.....it is big fun!


एक बात और भी है कि जो भी आदमी कोई quote लिख रहा है, वह अपने निजी अनुभव के आधार पर ही तो लिख रहा है, तो फिर हम सब के पास जो अनगिनत अनुभव हैं, उन का क्या होगा.


Quote कैसी है, कैसी नहीं है, यह सोचना हमारा काम है ही नहीं, हमें तो इत्मीनान इसी बात से हो जाना चाहिए कि जो मेरे दिल को कचोटता रहा था मैंने उसे शब्दों में पिरो कर राहत पा ली। बिल्कुल ऐसा ही होता है, ब्लॉगिंग में भी कईं बार कोई पोस्ट लिखने का इतना उतावलापन होता है कि सिर भारी होता है लेकिन लिखते ही बिल्कुल हल्कापन छा जाता है।

अपने लिखे Quotes हमें गुदगुदायें तो है ही, हमें इंस्पॉयर भी करेंगे और एक अच्छा रिमांईडर का भी काम करेंगे कि हम ने लोगों के साथ तो यह बात शेयर की है, मैंने एक जगह तो यह लिखा है कि मेरा resolution यह है, लेकिन मैं फिर भी क्यों भटक रहा हूं।


दोस्तो, मैंने भी यही सीखा है कि अपने अनुभव शेयर करने में बिल्कुल भी एम्बेरेस फील नहीं करना चाहिए....लेकिन यह होगा तब जब आप नियमित कुछ न कुछ लिखते रहें, शेयर करते रहें....आप को चाहे लगे कि आप ने बहुत ही बेकार लिखा है, लगे तो लगे, लेकिन शेयर करना, लिखना नियमित जारी रखिए........आप स्वयं देखिए कुछ ही दिनों में क्या बदलाव आता है।

यह बात मैंने भी आज से १२-१३ वर्ष पहले एक नवलेखक शिविर में सीखी थी, वहां पर एक विश्वविख्यात लेखक ने यही कहा था कि आप रोज़ाना एक पन्ना भी लिखें तो साल में ३६५ हो जाएंगे और इन में से ५०-१०० ऐसे होंगे जिन्हें आप कहीं छपवा भी सकते हैं.......और वैसे भी, अब ब्लॉगिंग की वजह से आप स्वयं अपने पब्लिशर बन चुके हैं।

आप में से हरेक के पास अनुभवों का खजाना भरा पड़ा है, तो फिर शुरू करिए उन्हें शब्दों का रूप देना.......और शेयर करना, अगर आप चाहें तो....


मैं नहीं कहूंगा कि मैंने दो दिन में ये Quotes बनाए, बस जो अनुभव मैं लिखना चाह रहा था, उसे कहने का साहस जुटा पा रहा हूं.....आप कब शुरू कर रहे हैं ?....सोशल मीडिया पर वही ज्ञान की बातें, तस्वीरें, वीडियो....सब कुछ बार बार इधर उधर से पहुंच जाता हैं, चलिए कुछ हम भी इस में कुछ नया कंट्रीब्यूट करें। अच्छा लगता है।

2 टिप्‍पणियां:

  1. परवीण जी .आपने तो लेखक बनने की रेस्पी लिख दी ..आभार |

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    1. हा हा हा ...आप तो पहले ही से दिल की बातें लिखने वाले महान् कवि हैं।

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इस पोस्ट पर आप के विचार जानने का बेसब्री से इंतज़ार है ...