आज की टाइम्स ऑफ इंडिया में यह खबर देख कर – Get Sterilised in Raj, drive home a Nano- ( पता नहीं यह खबर टाइम्स आफ इंडिया की साइट से कैसे गायब हो गई है, मेरे सामने प्रिंट एडिशन में तो यह बरकरार है....thank God, otherwise my credibility would have been at stake!!) एक बार तो लगा कि यार, यह क्या हो रहा है, जो मामला दो-चार-पांच सौ रूपये के इनाम से सुलट जाया करता था उस के लिये अब नैनो कार देने की नौबत आ गई... यही लगा कि अगर इस तरह से नैनो बांटी जाने लगेंगी तो खजाने खाली हो जाएंगे। लेकिन हमेशा की तरह खबर के शीर्षक की वजह से मैं एक बार फिर से बेवकूफ़ बन गया।
खबर पढ़ी तो माजरा समझ में आया कि यह तो भाई कूपन वूपन वाला मामला है। जैसे आयकर से छूट के लिये हम लोग राष्ट्रीय बचत पत्र खरीदते थे – उस के साथ इस तरह की गाड़ियों आदि के कूपन मिलते थे --- बहुत वर्षों बाद एक ऐसी ही लाटरी में अपनी भी एक चादर निकल गई थी। हां, तो नसबंदी वाली बात पर लौटते हैं ....खबर तफ़सील से पढ़ने पर पता चला कि जो लोग 1जुलाई से 30 सितंबर 2011 तक नसबंदी करवाएंगे, उन्हें एक कूपन दिया जाएगा। और बाद में इनामों के लिये लाटरी निकाली जाएगी ... और इनामों की लिस्ट यह है ...
हां, खबर तो सुबह पढ़ी ही थी ...लेकिन आज शाम को जैसे ही बीबीसी की साइट पर आया तो वहां पर भी यही हैड-लाइन देख कर हैरान रह गया India- Rajasthan in 'Cars for sterilisation' drive - यही सोच रहा हूं कि हिंदोस्तान भी किन किन कारणों से अंतर्राष्ट्रीय पटल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहा है।
इस के बारे में आप की क्या राय है?
PS... समझ नहीं पा रहा कि टाइम्स की साइट से इसे क्यों हटा दिया गया है जब कि हैडलाइन्स कायम है।
खबर पढ़ी तो माजरा समझ में आया कि यह तो भाई कूपन वूपन वाला मामला है। जैसे आयकर से छूट के लिये हम लोग राष्ट्रीय बचत पत्र खरीदते थे – उस के साथ इस तरह की गाड़ियों आदि के कूपन मिलते थे --- बहुत वर्षों बाद एक ऐसी ही लाटरी में अपनी भी एक चादर निकल गई थी। हां, तो नसबंदी वाली बात पर लौटते हैं ....खबर तफ़सील से पढ़ने पर पता चला कि जो लोग 1जुलाई से 30 सितंबर 2011 तक नसबंदी करवाएंगे, उन्हें एक कूपन दिया जाएगा। और बाद में इनामों के लिये लाटरी निकाली जाएगी ... और इनामों की लिस्ट यह है ...
- एक नैनो कार
- पांच मोटरसाइकिल
- 21इंच के पांच कलर टीवी
- सात मिक्सर ग्राईंडर
इस के बारे में आप की क्या राय है?
PS... समझ नहीं पा रहा कि टाइम्स की साइट से इसे क्यों हटा दिया गया है जब कि हैडलाइन्स कायम है।
हा हा हमारे दो साथी तो तैयार भी हो गए थे सुबह हैडिंग पढ़ कर ...
जवाब देंहटाएंहा हा, आकर्षक योजना।
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