हिंदी ब्लोगिंग में अनूठा प्रयोग.......कलम और की -पैड का संगम !
ज़रा आप भी सोचिये कि अगर हिंदी ब्लोगिंग में अगर कुछ इस तरह के प्रयोग होने लगें कि कलम और की-पैड का संगम हो जाये तो कैसा लगेगा ! वैसे एक छोटा सा प्रयत्न तो मैंने आज कर के गेंद को आप के पाले में फैंका है......
इसे इंक ब्लॉगिंग कहते हैं..देबाशीष,अनूप शुक्ल,सागर, मैं आदि पिछले बरस इसका खूब इस्तेमाल कर चुके हैं. है बहुत रोचक कार्य. इसी को और रोचक बनाने के लिये इसमें लिंक लगाने के उपाय पर भी मैमे एक पोस्ट लिखी थी, उसे भी पढ़ें:
सुन्दर! समीर जी की पोस्ट ने सरल भाषा में लोगों को इंकब्लागिंग की जानकारी दी थी। आप मेरे ब्लाग पर इंकब्लागिंग की लिंक देख सकते हैं। अखबार भी निकले हैं जी। :)
अरे कमाल कर दिया आपने। आप का आइडिया पसंद आया। प्रयोग अच्छा है। पर काली स्याही प्रयोग करें तो और अच्छा लगेगा।
जवाब देंहटाएंसर
जवाब देंहटाएंआपको धन्यवाद वैसे ये प्रयोग किया था मैंने किन्तु एग्रीगेटर केवल यूनोकोड/टेक्स्ट लेता है !
फिर भी प्रयोग अच्छा है
इसे इंक ब्लॉगिंग कहते हैं..देबाशीष,अनूप शुक्ल,सागर, मैं आदि पिछले बरस इसका खूब इस्तेमाल कर चुके हैं. है बहुत रोचक कार्य. इसी को और रोचक बनाने के लिये इसमें लिंक लगाने के उपाय पर भी मैमे एक पोस्ट लिखी थी, उसे भी पढ़ें:
जवाब देंहटाएंhttp://udantashtari.blogspot.com/2007/05/blog-post_25.html
इसी पोस्ट में अन्य लिंक भी मिल जायेंगे.
सुन्दर! समीर जी की पोस्ट ने सरल भाषा में लोगों को इंकब्लागिंग की जानकारी दी थी। आप मेरे ब्लाग
जवाब देंहटाएंपर इंकब्लागिंग की लिंक देख सकते हैं। अखबार भी निकले हैं जी। :)
चलिए इस बहाने फिर से इंक ब्लागिंग की शुरूआत हुई
जवाब देंहटाएंविचार तो अच्छा है, पर मुझे तो डर है की अब मेरी लिखावट मेरे अलावा किसी और को समझ ही नहीं आएगी :-)
जवाब देंहटाएंआइडिया अच्छा है।
जवाब देंहटाएंआइडिया अच्छा है पर अनूठा नहीं :)
जवाब देंहटाएंअच्छा है। बीच-बीच मे इस तरह से भी लोगों को लिखते रहने चाहिए।
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