कुछ दिन पहले मुझे बहुत वर्षों के बाद एक कॉलेज के दिनों का मित्र मिला... खूब बातें हुईं... प्रोफैशन, दुनिया और इधर उधर की हर तरह की बहुत सी बातें। प्रोफैशन की बातों से ध्यान आया ...उस ने मेरे को अपनी डायरी ही पढ़ने के लिये दे दी .... कुछ बातें ऐसी पढ़ीं जिन्हें मैं यहां पाठकों के साथ साझा करना ज़रूरी समझता हूं।
मेरा यह दोस्त एक डैंटिस्ट है डा. बशीर (नाम बदल दिया है).. डायरी में उस ने एक बुज़ुर्ग के बारे में लिखा था कि एक 70-75 वर्ष का व्यक्ति था, वह दो एक साल पहले दांतों के उपचार के लिये उस के पास अकसर आया करता था ...जब सब कुछ दुरूस्त हो गया तो उस से मुलाकात होनी बंद हो गई। उस के बारे में उस ने लिखा था कि बड़ा हंसमुख, ज़िंदादिल इंसान था.....अपनी ज़िदगी के किताब के कुछ पन्ने बशीर के सामने खोल लिया करता था।
हां, तो बशीर ने आगे लिखा था कि उसने उस बुज़ुर्ग को पिछले कुछ महीनों में तीन चार बार बाज़ार में देखा ... उसे देख कर बहुत ताजुब्ब हुआ करता था कि वह बहुत कमज़ोर सा दिखने लगा था।
अभी कुछ दिन पहले ही की बात है कि वह बुज़ुर्ग और उस की वृद्ध पत्नी डा बशीर को अस्पताल के बाहर ही मिल गये....अच्छी तरह से मिले ...लेकिन वह बंदा बहुत ही कमज़ोर दिख रहा था...बशीर ने उनसे पूछा कि क्या बात है, वजन बहुत कम लग रहा है, सब ठीक तो है? इस पर उस की पत्नी ने बताया कि बस, अब इन की तबीयत ऐसी ही रहती है, पिछले कुछ दिनों से पेट में दर्द भी है, बस, दिन प्रतिदिन इन की सेहत गिरती जा रही है, बस किसी तरह से यह अस्पताल में भर्ती हो जाएं।
बशीर जल्दी में था ... उस ने उन का मार्गदर्शन किया कि वे किस डाक्टर के पास जाएं और वहां दिखाने के बाद उस से मिल कर जाएं.... और कोई भी दिक्कत होने पर उस के कमरे में आकर मिलने के लिये भी कह दिया।
लगभग डेढ़ घंटे के बाद वह बुज़ुर्ग और उन की बीवी बशीर के कमरे में पहुंचे ..... उस ने उन्हें सम्मानपूर्वक बिठाया, अच्छे से बात की और सब हाल चाल पूछा ... उस वृद्दा ने डाक्टरी नुस्खा उस के आगे कर दिया। उस ने देखा कि डाक्टर ने उस के लिये पेट और सिरदर्द की दवाई लिखी हुई थी ... लेकिन यह देख कर बशीर को तसल्ली नहीं हुई...उसे लगा कि यह बंदा बीमार तो इतना ज़्यादा लग रहा है और ये पेट-सिरदर्द की दवाईयां आखिर कौन सा जादू कर देंगी!
बहरहाल बशीर ने उस नुस्खे को फिर से देखना शुरू किया ...उस ने देखा कि दो महीने पहले इस बंदे का छाती का एक एक्स-रे हुआ था जिस की रिपोर्ट कुछ गड़बड़ थी ...
क्रमश.....
मेरा यह दोस्त एक डैंटिस्ट है डा. बशीर (नाम बदल दिया है).. डायरी में उस ने एक बुज़ुर्ग के बारे में लिखा था कि एक 70-75 वर्ष का व्यक्ति था, वह दो एक साल पहले दांतों के उपचार के लिये उस के पास अकसर आया करता था ...जब सब कुछ दुरूस्त हो गया तो उस से मुलाकात होनी बंद हो गई। उस के बारे में उस ने लिखा था कि बड़ा हंसमुख, ज़िंदादिल इंसान था.....अपनी ज़िदगी के किताब के कुछ पन्ने बशीर के सामने खोल लिया करता था।
हां, तो बशीर ने आगे लिखा था कि उसने उस बुज़ुर्ग को पिछले कुछ महीनों में तीन चार बार बाज़ार में देखा ... उसे देख कर बहुत ताजुब्ब हुआ करता था कि वह बहुत कमज़ोर सा दिखने लगा था।
अभी कुछ दिन पहले ही की बात है कि वह बुज़ुर्ग और उस की वृद्ध पत्नी डा बशीर को अस्पताल के बाहर ही मिल गये....अच्छी तरह से मिले ...लेकिन वह बंदा बहुत ही कमज़ोर दिख रहा था...बशीर ने उनसे पूछा कि क्या बात है, वजन बहुत कम लग रहा है, सब ठीक तो है? इस पर उस की पत्नी ने बताया कि बस, अब इन की तबीयत ऐसी ही रहती है, पिछले कुछ दिनों से पेट में दर्द भी है, बस, दिन प्रतिदिन इन की सेहत गिरती जा रही है, बस किसी तरह से यह अस्पताल में भर्ती हो जाएं।
बशीर जल्दी में था ... उस ने उन का मार्गदर्शन किया कि वे किस डाक्टर के पास जाएं और वहां दिखाने के बाद उस से मिल कर जाएं.... और कोई भी दिक्कत होने पर उस के कमरे में आकर मिलने के लिये भी कह दिया।
लगभग डेढ़ घंटे के बाद वह बुज़ुर्ग और उन की बीवी बशीर के कमरे में पहुंचे ..... उस ने उन्हें सम्मानपूर्वक बिठाया, अच्छे से बात की और सब हाल चाल पूछा ... उस वृद्दा ने डाक्टरी नुस्खा उस के आगे कर दिया। उस ने देखा कि डाक्टर ने उस के लिये पेट और सिरदर्द की दवाई लिखी हुई थी ... लेकिन यह देख कर बशीर को तसल्ली नहीं हुई...उसे लगा कि यह बंदा बीमार तो इतना ज़्यादा लग रहा है और ये पेट-सिरदर्द की दवाईयां आखिर कौन सा जादू कर देंगी!
बहरहाल बशीर ने उस नुस्खे को फिर से देखना शुरू किया ...उस ने देखा कि दो महीने पहले इस बंदे का छाती का एक एक्स-रे हुआ था जिस की रिपोर्ट कुछ गड़बड़ थी ...
क्रमश.....
डॉक्टर साहब, एक बर में ही कहाणी पुरी कर देते तो सुवाद कुछ और ही आता। इब तो नुं लग रहया सै के समोसे तो खुवा दिए और चाय की बाट देखो।
जवाब देंहटाएंहोली की बधाई और शुभकामना
राम राम