आज से १५-२० वर्ष पहले तक मुझे याद है कि यह बहुत कम गर्भवती महिलाओं में देखा जाता था कि वे मधुमेह का शिकार हो गईं.....चाहे यह रोग होता कुछ महीनों के लिए ही है लेकिन इस का नकारात्मक पहलू यह भी है कि इस से होने वाले बच्चे में कईं दिक्कतें आ सकती हैं और वैसे भी यह जच्चा-बच्चा दोनों के लिए जटिलतायें उत्पन्न कर सकता है।
इस तरह के मरीज मेरे संपर्क में तो आते नहीं है इसलिए मैं यही सोचता था कि यह समस्या कोई आम समस्या नहीं है। वैसे भी कभी कोई ऐसी महिला आ जाती थी अपने मुंह के इलाज के लिए।
लेिकन इस बार विश्व मधुमेह दिवस पर जब मैंने लखनऊ से प्रकाशित होने वाली अखबार में यह खबर देखी कि यहां मैडीकल कालेज में स्त्री रोग विशेषज्ञों ने एक स्टडी की है जिस में यह पाया है कि लगभग २० प्रतिशत महिलायें लखनऊ में गर्भावस्था के दौरान मधुमेह की चपेट में आ जाती है.....गर्भावस्था के दौरान होने वाला मधुमेह रोग लगभग ४ प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में जटिलतायें उत्पन्न कर देता है।
सब से चिंताजनक बात यह पढ़ने को मिली कि जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मधुमेह रोग पाया जाता है......उन में से आधी महिलाओं को आगे चल कर ४० साल की उम्र पार करने पर मधुमेह रोग होने की बहुत संभावना होती है और जो महिलायें गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से ग्रस्त होती हैं, उन से पैदा होने वाले बच्चे भी अकसर ४० साल की उम्र पार करने पर मधुमेह से ग्रस्त हो जाते हैं।
इतनी सारें बातें यहां करने का यही फंडा है कि गर्भवती महिलाओं को समय समय पर अपनी सभी जांचे करवानी ज़रूरी है......वैसे तो अगर वे नियमित अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलती रहती हैं तो यह काम स्वतः ही होता रहता है...और एक बात, गर्भवती महिलाओं को खानपान के बारे में भी सही दिशा-निर्देश दिये जाने ज़रूरी हैं....क्योंकि भारतीय समाज में एक बात तो है कि गर्भवती महिला को अच्छा पर्याप्त पौष्टिक भोजन मिलने का मतलब यही लिया जाता है कि सब तरह का खाना ..मीठा भी ... कस के खाया जाये .......और वैसे ही इस समय दौरान शारीरिक श्रम तो ज़्यादा वर्जित ही होता है.....इसलिए मोटापा होने की संभावना और फिर इस से होने वाली परेशानियों का खतरा तो बढ़ ही जाता है।
बस, यह ध्यान रखें कि गर्भावस्था में जो मधुमेह रोग होता है......वह काफी जटिलतायें पैदा कर सकता है ... जच्चा बच्चा के लिए जन्म के समय भी और ४० की उम्र पार करने पर भी यह दोनों में मधुमेह रोग उत्पन्न करने की क्षमता तो रखता ही है। ध्यान रखियेगा।
इस तरह के मरीज मेरे संपर्क में तो आते नहीं है इसलिए मैं यही सोचता था कि यह समस्या कोई आम समस्या नहीं है। वैसे भी कभी कोई ऐसी महिला आ जाती थी अपने मुंह के इलाज के लिए।
लेिकन इस बार विश्व मधुमेह दिवस पर जब मैंने लखनऊ से प्रकाशित होने वाली अखबार में यह खबर देखी कि यहां मैडीकल कालेज में स्त्री रोग विशेषज्ञों ने एक स्टडी की है जिस में यह पाया है कि लगभग २० प्रतिशत महिलायें लखनऊ में गर्भावस्था के दौरान मधुमेह की चपेट में आ जाती है.....गर्भावस्था के दौरान होने वाला मधुमेह रोग लगभग ४ प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में जटिलतायें उत्पन्न कर देता है।
सब से चिंताजनक बात यह पढ़ने को मिली कि जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मधुमेह रोग पाया जाता है......उन में से आधी महिलाओं को आगे चल कर ४० साल की उम्र पार करने पर मधुमेह रोग होने की बहुत संभावना होती है और जो महिलायें गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से ग्रस्त होती हैं, उन से पैदा होने वाले बच्चे भी अकसर ४० साल की उम्र पार करने पर मधुमेह से ग्रस्त हो जाते हैं।
इतनी सारें बातें यहां करने का यही फंडा है कि गर्भवती महिलाओं को समय समय पर अपनी सभी जांचे करवानी ज़रूरी है......वैसे तो अगर वे नियमित अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलती रहती हैं तो यह काम स्वतः ही होता रहता है...और एक बात, गर्भवती महिलाओं को खानपान के बारे में भी सही दिशा-निर्देश दिये जाने ज़रूरी हैं....क्योंकि भारतीय समाज में एक बात तो है कि गर्भवती महिला को अच्छा पर्याप्त पौष्टिक भोजन मिलने का मतलब यही लिया जाता है कि सब तरह का खाना ..मीठा भी ... कस के खाया जाये .......और वैसे ही इस समय दौरान शारीरिक श्रम तो ज़्यादा वर्जित ही होता है.....इसलिए मोटापा होने की संभावना और फिर इस से होने वाली परेशानियों का खतरा तो बढ़ ही जाता है।
बस, यह ध्यान रखें कि गर्भावस्था में जो मधुमेह रोग होता है......वह काफी जटिलतायें पैदा कर सकता है ... जच्चा बच्चा के लिए जन्म के समय भी और ४० की उम्र पार करने पर भी यह दोनों में मधुमेह रोग उत्पन्न करने की क्षमता तो रखता ही है। ध्यान रखियेगा।