मसूड़ों की सूजन एक बहुत ही आम समस्या है जिस का उपचार अगर समय पर हो जाये तो बहुत ही सुगम है। इसलिये कभी भी ब्रुश करते समय अगर रक्त आये या मसूड़ों पर हाथ लगने से भी रक्त निकले तो तुरंत किसी दंत-चिकित्सक से अपना निरीक्षण करवायें।
यह तस्वीर एक 30 साल के युवक की है जिस की समस्या यह है कि ब्रुश करते वक्त इस के मसूड़ों से रक्त निकलता है। इस के नीचे के आगे के दांतों के मसूड़ों की तरफ़ देखिये कि इन में सूजन आई हुई है । देखने में भी ये सामान्य नहीं लगते। इस मसूड़ों की अवस्था को जिंजीवाईटिस (gingivitis) कहते हैं।
मसूड़ों की इस अवस्था के लिये सब से महत्वपूर्ण कारण है ---दांतों की ढंग से सफ़ाई न हो पाना। इस से जब दांतों एवं इन के आसपास मैल की परत ( Dental plaque and Dental Calculus) जमा हो जाता है तो यह मसूड़ों की सूजन पैदा कर देता है।
लेकिन खुशी की बात यह है कि यह जो जिंजीवाईटिस की यह वाली अवस्था है ना यह पूरी तरह उपचार से ठीक हो जाती है। इस का उपचार बहुत ही सुगम है। अकसर इस अवस्था के लिये केवल दंत-चिकित्सक से स्केलिंग ( दांतों पर जमे टारटर को उतरवाना) करवानी होती है ---यह या तो अल्ट्रासॉनिक स्केलर से कर दी जाती है या फिर हैंड-इंस्ट्रयूमैंट्स ( scaling hand instruments) से इस ट्रीटमैंट को पूर्ण कर दिया जाता है। और अकसर दो –एक बार डैंटिस्ट के पास जाने से यह तकलीफ़ ठीक हो जाती है और मसूड़ों अपनी सामान्य शेप में एक हफ्ते में आ जाते हैं।
लेकिन ध्यान रहे कि इस तरह का इलाज करवाने के लिये भी लोगों के मन में बहुत सी भ्रांतियां हैं ----बार बार मरीज़ों के मुंह से यह सुनते थक गये हैं कि इस से दांत कमज़ोर तो नहीं हो जायेंगे क्योंकि उन की पड़ोस वाली मौसी ने उन के मन में यह भर दिया है कि इस से दांत ढीले हो जाते हैं। नहीं, यार, ऐसा सोचना बिल्कुल बेबुनियाद है।
अच्छा तो आप इस तस्वीर में देखें कि इसी मरीज़ के ऊपर वाले मसूड़ों में भी सूजन तो है लेकिन नीचे वाले मसूड़ों की अपेक्षा कम है।
अगर आप ने नोटिस किया हो कि इस मरीज़ के मसूड़े कुछ काले से हैं। यह तो अच्छा है कि इस मरीज़ को इस से कोई सरोकार नहीं था ---वरना, बहुत से मरीज़ तो इस को भी एक बीमारी ही समझ लेते हैं। लेकिन यह कोई बीमारी-वीमारी नहीं है ---यह केवल मसूड़ों के रंग की बात है ----जैसा हम सब लोगों का रंग अपना अपना है वैसा ही मसूड़ों का रंग भी भिन्न भिन्न हो सकता है और यह सब मैलॉनिन पिगमैंट (melanin pigment) का कमाल है ---किसी में ज़्यादा किसी में कम। लेकिन अगर कोई मसूड़ों के इस काले रंग से भी परेशान है तो इस का भी इलाज है जिस की चर्चा फिर कभी कर लेंगे।