बुधवार, 13 जुलाई 2011

दारू पर भी चेतावनी आने की चर्चा गर्म है


अभी दो दिन पहले ही मैं एक जगह पढ़ रहा था कि मुंबई में एक कैंसर गोष्ठी में विशेषज्ञों द्वारा यह अपील की गई कि शराब पर भी कैंसर से संबंधित चेतावनी होनी चाहिए.... उन की बात बिल्कुल उचित लगी क्योंकि अब यह सिद्ध हो चुका है कि तंबाकू और अल्कोहल एक किल्लर कंबीनेशन है---बेखौफ़ हत्यारा हो जाता है पैदा जब तंबाकू और दारू मिल जाते हैं। चलिए अभी तो उस ग्रुप ने अपना मत रखा है ---अब इस पर कम से कम अगले दस-बीस सालों तक कमेटियां बनेंगी, शायद अधिसूचनाएं भी जारी हों, फिर कोर्ट में केस होंगे ...दारू बेचने वाले करेंगे कि हम तो मर गये, लुट गये .....फिर यह सब कुछ टाला जाएगा--- तो इस टालमटोल में असल में क्या सामने आयेगा, यह तो दस-बीस बाद ही पता चलेगा।
लेकिन जो खबर मैंने आज देखी मुझे पढ़ कर अच्छा लगा ....आस्ट्रेलिया में यह निर्णय लिया गया है कि अब से वहां पर बिकने वाली शराब पर स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी लिखी रहा करेगी। आस्ट्रेलिया में यह दारू-वारू पीने की समस्या बहुत ही जटिल है। बच्चे छोटी आयु से ही इस के चक्कर में पड़ जाते हैं --- औसतन पंद्रह-साढ़े पंद्रह साल की उम्र तक तो ये लोग दारू पीना शुरू कर ही देते हैं। महिलाएं भी इस में कहां पीछे हैं।
इसलिये वहां पर यह निर्णय लिया गया है कि निम्नलिखित चेतावनियां शराब पर लिखी जाने लगेंगी ...
Kids & Alcohol don’t mix
It is safest not to drink while pregnant
Is your drinking harming yourself or others
मैं जो खबर पढ़ रहा था –एसोसिएटेड प्रैस की साइट पर उस में एक जगह यह भी लिखा था कि क्रिकेटर डेविड बून ने 1989 ने सिडनी से लंदन की हवाई यात्रा के दौराना 52 बियर की बोतलें पी थीं। और मुझे आज से पहले यह भी नहीं पता था कि अमेरिका सहित 14 देश ऐसे हैं जहां पर शराब की बोतलों पर चेतावनी लिखी जाती है।
यह बातें हो गईं अमीर देशों के अमीर लोगों की ....लेकिन यहां पर तो ज़्यादातर देशी, ठर्रा, नकली, मिलावटी, नारंगी , सतरंगी, पाउच में, थैली में ......पता नहीं क्या क्या बिक रहा है। सैंकड़ों लोग जो इन ज़हरीली दारू की वजह से बेमौत मर जाते हैं उन का मीडिया में कभी कभी ज़िक्र आ ही जाता है ...रोती, विर्लाप करती महिलाएं व छोटे छोटे बच्चे..... लेकिन हज़ारों लाखों जो दारू की वजह से तिल तिल मरते रहते हैं उन की फिकर कौन कर रहा है। सुबह सवेरे जब कभी किसी ठेके के सामने से गुज़रने का अवसर मिलता और लोगों को प्लास्टिक की छोटी छोटी बोतलों से मदिरापान करते देखता हूं तो इन पीने वाले लोगों के अलावा मुझे हर इंसान पर गुस्सा आता है ...चलिये, वो तो अलग बात है।
काश, हमारे यहां भी यह चेतावनी का प्रावधान हो जाए ---पहले तो उस में बीसियों साल लग जाएंगे, फिर सोचता हूं उस से हो भी क्या जाएगा ....ये जो चेतावनी आस्ट्रेलिया में शुरू की जा रही हैं, इतने से आम हिंदोस्तानी का क्या बनेगा.... यह चेतावनियां हमारे लिये नहीं हैं ...हमारे लिये तो हैं ...तरह तरह की डरावनी तस्वीरें उन लोगों की जिन का लिवर खराब हो गया ... पेट फूल गया .... खून की उल्टीयां हो रही हैं, शौच में रक्त आने लगा है ..... और यह सब इस देश में दारू की वजह से होने वाले रोगों के आम से लक्षण हैं।
मुझे ध्यान आ रहा है इस देश की विभिन्न आध्यात्मिक लहरों का ---अनेकों लोगों के अनुभव सुनता हूं...उन की ज़िंदगी को नज़दीक से देखता हूं जिन्होंने ऐसी ही किसी आध्यात्मिक लहर के प्रभाव में आने के बाद दारू पीनी छोड़ दी, और अब वे दूसरों को भी इस ज़हर से दूर रहने के लिये प्रेरित कर रहे हैं। इन के बच्चे भी इन के प्रभाव में आने की वजह से दारू से दूर ही रहते हैं। मुझे यह चमत्कार बहुत अचंभित करता है...दारू तो दारू, विभिन्न प्रकार के अन्य नशों से भी दूर ही रहते हैं.... great Indians! मैं इन आध्यात्मकि लहरों के दूसरे पहलुओं में घुसना नहीं चाहता क्योंकि यह एक बहुत बड़ा मुद्दा है......लेकिन कुछ आध्यात्मिक पहलू अगर करोडों लोगों के इसी लोक को खुशग़वार बनाने में जुटे हैं तो आखिर बुराई क्या है। मैं निरंकारी सत्संग में जाता हूं और वहां पर अनेकों लोगों के अनुभव सुनता हूं कि आत्मज्ञान बोध के बाद कैसे उन्होंने नशा को त्याग दिया ..... क्योंकि गुरू की तरफ़ से सभी तरह के नशों को इस्तेमाल करने पर मनाही लगाई है, बस अनुयायी के लिये इस आदेश से बढ़ कर क्या है!..... this is incredible India.
और अब करते हैं डंडे की बात ---जैसा कि हरियाणा में कईं बार अपने पतियों की दारू से परेशान बेचारी महिलाएं कर चुकी हैं ...धरना, विरोध, दारू की दुकान के आगे लफड़ा—ये सब बातें कितनी कारगर होती होंगी इस सामाजिक बुराई को उखाड़ने में, इस के बारे में कुछ कह नहीं सकता। लेकिन बात तो तब ही बनती है जब सोच बदलती है.....दूसरे रास्ते, ये चेतावनियां, ये डरावनी फोटू-वोटू वाले रास्ते बडे कठिन से हैं, दुर्गम हैं...परिणाम क्या निकलेंगे, कौन कहे............
PS…. Without malice towards anybody --- no moral policing here!
जाते जाते इस गीत का ध्यान आ गया ---पता नहीं पिछले पचास वर्षों में इस गीत ने कितने लोगों को पीने के लिये उकसाया होगा ....