आज विश्व योग दिवस है ..यहां लखनऊ में सुबह से ही झमाझम बरसात की वजह से फिज़ाएं भी खुशनुमा थीं...सुबह उठ कर बाहर देखा तो सुंदर नज़ारा दिखा...
आज लखनऊ के उत्तर रेलवे के मंडल चिकित्सालय में भी विश्व योग दिवस को बड़े सुंदर ढंग से मनाया गया...
इस अवसर पर मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर के द्वारा आयुष विभाग की एक आडियो-वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से इस कार्यक्रम का बहुत सुंदर रूप देखने को मिला...
इस कार्यक्रम में कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने शिरकत किया और इस बेहतरीन आयोजन से लाभ प्राप्त किया...
सब से पहले तो योग के महत्व को बड़े ही प्रभावशाली ढंग से बताया गया...उस के बाद कुछ स्ट्रैचिंग एक्सरसाईज़ कीं...उस के बाद कुछ योगासन, तत्पश्चात् प्राणायाम् एवं उस के बाद ध्यान की बारीकियां समझाई भी गईं और उस का अभ्यास भी किया गया...
विभिन्न आसनों के क्या लाभ हैं, प्राणायाम् करने का सही ढंग बहुत अच्छे से समझाया गया..
मुझे याद है आज सी तीस चालीस वर्ष पहले हम लोग जब किसी को टीवी पर योगाभ्यास करते हुए देखा करते थे ..हां, क्या नाम था उन का ..शायद धीरेन्द्र ब्रह्मचारी ...नया नया टीवी लिया था..उन के शिष्य जैसे ही हमें स्क्रीन पर टेढ़े-तिरछे कुछ आसन करते दिखते हम यही सोच लिया करते कि यह तो भई इन योगियों के बस का ही काम है, हम से तो नहीं होगा...
लेिकन अब योग का दृश्य बदल चुका है ...जिस तरह से इसे विश्व भर में मान्यता प्राप्त हुई है ..इस में लोगों की दिलचस्पी बहुत ज़्यादा बढ़ चुकी है ....वैसे अजीब सा लग रहा है यह लिखना कि इसे मान्यता प्राप्त हुई है ...इस पुरातन मनीषियों द्वारा सहेज के रखी गई धरोहर को आज विश्व ने क्या मान्यता देनी है..ये तो समूची मानवता के आरोग्य एवं कल्याण की विद्या का सम्मान कर के हम स्वयं सम्मानित होते हैं..
शायद हम लोगों ने पहले इतनी तन्मयता से इस तरह से सामूहिक रूप से इस तरह का अभ्यास नहीं किया था...एक आलौकिक ऊर्जा का संचार हो रहा था ....
ध्यान आ रहा था जब इस तरह के विभाग ...योग विभाग ...देश के प्रीमियर मैडीकल कालेजों द्वारा खोले जा रहे हैं..ऐसे में ज़रूरत है इस तरह से संदेशों को जनमानस तक बार बार पहुंचाए जाने की ...ताकि यह सब उन के जीवन का अभिन्न अंग बन जाए।
हां, मुझे यह भी ध्यान आ रहा था कि इस तरह की आडियो-वीडियो प्रस्तुति ओपीडी के वेटिंग एरिया में रोज़ाना चला दी जानी चाहिए....मरीज़ों एवं उन के तीमारदारों को इंतज़ार करते हुए कुछ अच्छा प्रेरणात्मक देखने सुनने को मिलेगा तो उन्हें अच्छा महसूस होगा....पता नहीं कौन सी बात हमारी जीवनशैली में अच्छा बदलाव ले आए....जब संसाधन हैं तो उन का बेहतर इस्तेमाल भी होना चाहिए...देखते हैं इस के बारे में कुछ करते हैं..
प्रेरणा की बात चली तो मुझे भी यह प्रेरणा मिली है कि मैं भी इस वीडियो को चला कर नित्यप्रतिदिन योगाभ्यास, प्राणायाम् एवं ध्यान किया करूंगा....अच्छा लगा आज बहुत....और यह भी महसूस किया कि हम लोग बिना वजह योगासनों से डर जाते हैं कि पता नहीं होगा कि नहीं होगा......कोई जल्दी नहीं, इत्मीनान से करते रहिए जितना आपके शरीर का लचीनापन आज्ञा दे....वैसे भी इस वीडियो में वह सारी जानकारी बड़ी स्पष्टता से दी गई है जितनी हमें चाहिए ...बाकी तो किसी की कला को रिफाईन करने की जहां तक बात है, यह तो ताउम्र चलता ही रहता है ...
सब से ज़्यादा ज़रूरी है कि हम एक बार इस की शुरूआत तो करें....और इस के नियमित अभ्यास को अपनी आदतों में शुमार कर लें...
इस वीडियो को मैंने यहां एम्बेड तो किया ही है ..इस का लिंक भी यहां दे रहा हूं..आप इसे डाउनलोड कर के रख लीजिए और नित्यप्रतिदिन इस की सहायता से योगाभ्यास करते रहिए....हम लोग स्कूल में जब आते थे...तख्ती पर मास्टर लोग हमें पूरने डाल देते थे पैंसिल के साथ ...फिर उस के ऊपर हमें कलम और स्याही से लिखना होता था...धीरे धीरे फिर हमें बिना पूरनों के लिखना आने लगा....योगाभ्यास भी ऐसा ही है।
श्री बिहारी लाल जी के साथ शेल्फी खिंचवा कर मैंने गौरवान्वित महसूस किया |
आप को भी हैरानगी होगी यह जान कर कि इन की उम्र ८५ साल की हो चुकी है ...86वां साल चल रहा है...इन्होंने अपनी इस सेहत के राज़ बांटते हुए बताया कि बिल्कुल सादा खाता हूं...रोज़ाना सुबह टहलने जाता हूं..किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है, बीड़ी-सिगरेट-शराब-तंबाकू को कभी छुआ भी नहीं...अगर कोई शादी ब्याह में शराब पीने के िलए कहता है तो मैं हाथ जोड़ देता हूं... और हां, एक बात और ...अभी भी रोज़ २०-२५ किलोमीटर साईकिल ज़रूर चलाता हूं...मस्त रहता हूं.....मैंने कहा कि और किसी को अपनी उम्र मत बतलाईएगा......नज़र लग जायेगी!....यह सुन कर वह ठहाके लगा कर हंस पड़े।
जाते जाते मैंने उनसे कहा कि आप जैसे जवान बुज़ुर्गों को तो सरकार को फिर से नौकरी पर रख लेना चाहिए...एक अलग तरह की ड्यूटी पर ... अस्पतालों की ओपीडी के वेटिंग एरिया में आप जैसे लोगों का एक बड़ी सी कुर्सी लगी होनी चाहिए...जहां पर लोग आप के पास आकर आप की सेहत को राज़ जान पाएं, कुछ सीख पाएं, युवा लोग नशों की लत से दूर रह सकें....सच में ऐसे जवान बुज़ुर्गों के पास बहुत कुछ होता है जिससे हम सब लाभ उठा सकते हैं.....लेिकन अगर कोई सुनने की परवाह करे तो।
विश्व योग दिवस पर परमपिता परमात्मा से यही याचना-प्रार्थना है कि सब लोग योग को अपने जीवन में उतारें...और अपनी जीवनशैली को ज़्यादा उलझाए बिना सीधा सीधा पटड़ी पर ले आएं......... आमीन!