दांतों के झोलाछाप डाक्टर भी जनमानस के दांतों काे बद से बदतर किये जा रहे हैं...इस तरह के अनक्वालीफाईड डाक्टर फिक्स दांत लगाने की आड़ में बहुत गड़बड़ कर देते हैं...आज इस के बारे में थोड़ी सी बात करते हैं...
आज जो महिला मेरे पास आई ...५५-६० साल की होगी...आगे का एक दांत बता रही थीं कि कुछ साल पहले निकल गया था ...एक साल पहले एक दांतों के डाक्टर से फिक्स दांत लगवा लिया था ...बस, कुछ समय के बाद से ही तकलीफ़ शुरू हो गई..
तकलीफ़ यह है कि इन्हें फिक्स दांत के आसपास हर समय दर्द रहता है, मसूड़ों में दर्द होता रहता था, खाने ढंग से खाया-चबाया नहीं जाता, फिक्स दांत के आसपास छाले हो जाते हैं, घाव पड़े रहते हैं...बस, वह दुःखी हो चुकी है ..
मैंने उसे समझा दिया कि यह सारी परेशानी इन फिक्स दांतों की वजह से हो रही है .. मैंने पूछा कि यह काम किसी फुटपाथ से करवाया?...बताने लगी कि नहीं ..फुटपाथ से तो नहीं लेकिन एक खोखे से करवाया....मैं समझ गया कि किसी झोलाछाप नीम हकीम ने यह काम किया है ..पैसे भी कम नहीं लिये ...एक हज़ार रूपये भी ले लिए.. लेकिन फिक्स दांत की जगह इसे एक बीमारी दे दी..
संक्षेप में यही बताना चाहता हूं ...ये फिक्स दांत होते ही नहीं हैं..कोई भी प्रशिक्षित दंत चिकित्सक इस तरह का काम करते ही नहीं हैं...फिक्स दांत सही ढंग से लगवाने का अलग तरीका होता है (उस के बारे में फिर कभी चर्चा करेंगे)
आप इस महिला के दांतों की हालत देख सकते हैं कि कैसे बिल्कुल खराब ढंग से कैसे डेंटल एक्रिलिक (Dental acrylic) को आसपास के नेचुरल दांतों पर लगा कर और पीछे की तरफ़ कैसे अच्छे भले साथ वाले दांतों पर तार बांध कर नकली दांत की पकड़ मजबूत करने का जुगाड़ किया गया है ..
यह तो महिला एक साल बाद आईं...लेेकिन बहुत से लोग तो कुल दो चार महीनों के बाद ही फूले हुए मसूड़े और घाव के साथ आ जाते हैं..इस का केवल एक ही इलाज है कि जल्दी से जल्दी इस तरह के फिक्स दांतों को उतार दिया जाए...और बाद में नया दांत लगवाया जाए...
यह मरीज़ भी पांच मिनट में ही तैयार हो गई इसे उतरवाने के लिए ...इस के अलावा और कोई भी चारा भी तो नहीं! ...कईं बार लोग मना भी कर देते हैं कि हमें तो दर्द से आराम दिलवा दीजिए...हम फिक्स दांतों को नहीं उतरवाएंगे।
बस, आज के लिए इतना ही संदेश ...झोलाछाप तथाकथित दांतों के नकली डाक्टरों से बच कर रहिए...
आज जो महिला मेरे पास आई ...५५-६० साल की होगी...आगे का एक दांत बता रही थीं कि कुछ साल पहले निकल गया था ...एक साल पहले एक दांतों के डाक्टर से फिक्स दांत लगवा लिया था ...बस, कुछ समय के बाद से ही तकलीफ़ शुरू हो गई..
तकलीफ़ यह है कि इन्हें फिक्स दांत के आसपास हर समय दर्द रहता है, मसूड़ों में दर्द होता रहता था, खाने ढंग से खाया-चबाया नहीं जाता, फिक्स दांत के आसपास छाले हो जाते हैं, घाव पड़े रहते हैं...बस, वह दुःखी हो चुकी है ..
मैंने उसे समझा दिया कि यह सारी परेशानी इन फिक्स दांतों की वजह से हो रही है .. मैंने पूछा कि यह काम किसी फुटपाथ से करवाया?...बताने लगी कि नहीं ..फुटपाथ से तो नहीं लेकिन एक खोखे से करवाया....मैं समझ गया कि किसी झोलाछाप नीम हकीम ने यह काम किया है ..पैसे भी कम नहीं लिये ...एक हज़ार रूपये भी ले लिए.. लेकिन फिक्स दांत की जगह इसे एक बीमारी दे दी..
संक्षेप में यही बताना चाहता हूं ...ये फिक्स दांत होते ही नहीं हैं..कोई भी प्रशिक्षित दंत चिकित्सक इस तरह का काम करते ही नहीं हैं...फिक्स दांत सही ढंग से लगवाने का अलग तरीका होता है (उस के बारे में फिर कभी चर्चा करेंगे)
आप इस महिला के दांतों की हालत देख सकते हैं कि कैसे बिल्कुल खराब ढंग से कैसे डेंटल एक्रिलिक (Dental acrylic) को आसपास के नेचुरल दांतों पर लगा कर और पीछे की तरफ़ कैसे अच्छे भले साथ वाले दांतों पर तार बांध कर नकली दांत की पकड़ मजबूत करने का जुगाड़ किया गया है ..
यह तो महिला एक साल बाद आईं...लेेकिन बहुत से लोग तो कुल दो चार महीनों के बाद ही फूले हुए मसूड़े और घाव के साथ आ जाते हैं..इस का केवल एक ही इलाज है कि जल्दी से जल्दी इस तरह के फिक्स दांतों को उतार दिया जाए...और बाद में नया दांत लगवाया जाए...
यह मरीज़ भी पांच मिनट में ही तैयार हो गई इसे उतरवाने के लिए ...इस के अलावा और कोई भी चारा भी तो नहीं! ...कईं बार लोग मना भी कर देते हैं कि हमें तो दर्द से आराम दिलवा दीजिए...हम फिक्स दांतों को नहीं उतरवाएंगे।
बस, आज के लिए इतना ही संदेश ...झोलाछाप तथाकथित दांतों के नकली डाक्टरों से बच कर रहिए...