शनिवार, 20 जुलाई 2013

तेज़ाब से मौत नहीं होती, तेज़ाब हर पल मारता है .. भाग २

हां तो मैं पिछली पोस्ट में ९जुलाई २०१३ की दैनिक भास्कर के संपादकीय लेख की बात कर रहा था, यह मुझे इतना छू गया कि मैंने इस की क्लिपिंग संजो कर रखने की बजाए इसे नोटबुक में लिख लिया।
वाक्या ईरान की अमीना का है। इलैक्ट्रोनिक्स की ग्रेजुएट अमीना बहरामी ऑफिस से लौट रही थी कि माजिद मोवाहदी नामक युवक ने उस पर तेजाब फैंका। माजिद उसके पीछे पड़ा था। जबकि अमीना उसे साफ इंकार कर चुकी थी। चेहरा, गला झुलस गया। आंखे जल कर खाक हो गईं। बर्बाद अमीना ने लंबी लड़ाई लडी। ईरान में आंख के बदले आंख का कानून है। उसने वही इंसाफ मांगा। अदालत ने आखिर मान लिया।
लेकिन जब माजिद की आंखों में तेजाब की पांच बूंदें डालकर डॉक्टर उसे अंधा बनाने जा ही रहे थे, ऐन मौके पर अमीना ने उसे माफ कर दिया। दुनिया के मानवाधिकार संगठनों की अपील पर। लेकिन सब सकते में आ गए , जब माजिद ने माफ़ी को कानूनी ढाल बनाकर उसके इलाज का खर्च उठाने से बाद में साफ़ इंकार कर दिया।
दिमाग, दिल और नीयत सब कुछ भ्रष्ट कर देता है तेजाब।
......

पिछले दो दिन से टीवी -अखबार में देख कर अच्छा लगा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बृहस्पतिवार से तेजाब बिना किसी सरकारी पहचान पत्र के नहीं बिकेगा। और दुकानदार को तेजाब की सारी बिक्री का लेखा जोखा रखना होगा। और भी एक बहुत अच्छी बात कि दुकानदार को बिक्री की सूचना संबंधित पुलिस स्टेशन को भी देनी होगी।
अच्छा है, जितने सख्त नियम हो सकें, बनने चाहिए। एक बात और मैंने सुनी कि जिन लैबोरेट्रीयों में एसिड का इस्तेमाल होता है, उन के लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सुनिश्चित किया जाए कि वे लैब से बाहर एसिड न ले पाएं।
मैं सोच रहा था कि दुकानदार के ऊपर जब इस तरह की बंदिश होगी कि उसे रिकार्ड रखना होगा, पुलिस को सूचित करना होगा, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है , ऐसे में वह क्यों चंद रूपयों के चक्कर में इतनी लफड़ेबाजी में पड़ेगा, लगता है ... such restrictions would definitely act as a deterrant for unscrupulous sale of this killer liquid.

वैसे मैं यह सोच रहा था कि आज से लगभग तीस वर्ष पहले की बात है कि मैं रोहतक की एक दुकान से एसिड लेने गया था ... मुझे याद है उस ने मेरा नाम-पता आदि एक रजिस्टर में लिखवाया था.....मैं उस समय यही सोच रहा था कि इस का क्या फायदा, अगर कोई गलत नाम गलत पता लिखवा कर एसिड का मिसयूज़ कर ले तो उसे कैसे ढूंढोगे।
जो भी हो, एसिड को टॉयलेट की सफ़ाई के लिए इस्तेमाल करने के बहाने मार्कीट में खुले बिकने देना जोखिम से खाली नहीं है, घर के बाहर चल रही युवतियां की सुरक्षा करना हम सब का साझा दायित्व भी है, आप क्या कहते हैं?

6 टिप्‍पणियां:

  1. तेजाब की बिक्री पर तो रोक लगनी ही चाहिए साथ ही इस अपराध के लिए सजा भी कुछ अलग ही होनी चाहिए. परसों टी वी पर इस हमले की शिकार एक स्त्री कह रही थी कि अपराधी की एक उँगली ही तेजाब में डूबा दो. उसे भी तो पता चले कि तेजाब का दर्द क्या होता है.
    घुघूती बासूती

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आप बिल्कुल सही कह रही हैं ... अपराधी को भी अहसास तो हो कि उसने कितना दर्द दिया है...
      मैं भी ऐसा मानता हूं कि इस अपराध की सज़ा भी कुछ अलग ही होनी चाहिए... लोगों में ऐसा करने का खौफ़ तो पैदा हो....

      हटाएं
  2. अमीना ने माजिद को माफ़ कर दिया। वह बड़े दिल वाली है। माजिद ने उसका खर्चा उठाने से मना कर दिया। उसमें कोई बदलाव नहीं आया। नीच।

    अच्छी पोस्ट। फ़िल्म देखकर अच्छा लगा।

    जवाब देंहटाएं
  3. माजिद जैसे असुर माफी के हकदार नहीं।

    जवाब देंहटाएं
  4. @ ऐसे में वह क्यों चंद रूपयों के चक्कर में इतनी लफड़ेबाजी में पड़ेगा, लगता है ... such restrictions would definitely act as a deterrant for unscrupulous sale of this killer liquid.

    काश ऐसा ही हो.एक इस कानून का पालन सही तरीके से हो. बहुत सारी हंसती खेलती जिंदगियां ,असमय बर्बाद होने से बच जाएँ

    जवाब देंहटाएं
  5. hamare govt kuch nhi kar payegi in darindo ko logo ko aage aakar iske liye kuch karna hoga.

    जवाब देंहटाएं

इस पोस्ट पर आप के विचार जानने का बेसब्री से इंतज़ार है ...