रविवार, 23 नवंबर 2008

मुझे नेट पर हिंदी लिखना किसने सिखाया ?-हिंदी ब्लागिंग में एक साल --थैंक्स गिविंग !!



ब्लागिंग करते करते एक साल हो गया .....सोच रहा हूं कि बढ़िया टाइम-पास है...जो भी मन में है लिख कर हल्कापन महसूस होने लगता है। पहले अखबारों के लिये लिखा करता था लेकिन जब से नेट पर लिखना शुरू किया पता नहीं कभी भी अखबार में कभी भी कोई लेख भेजा ही नहीं ----पता है इस का क्या कारण है ?---न ही टका वहां मिलता था और न ही यहां मिलता है , लेकिन यहां यह संतुष्टि है कि हम लोग अपनी मर्जी के मालिक हैं ---जो चाहा, लिख लिया, और बंदा खुश।

अखबारों के लिये पहले लेख लिखो---फिर फैक्स करो, उस के बाद दो-तीन बार फोन कर के कंफर्म करो कि ठीक तरह से रिसीव हो गया है कि नहीं--- यह सब बहुत किया ---कईं साल किया ---खीझ खीझ कर किया ---लेकिन इस के इलावा अपनी बात जनमानस तक पहुंचाने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा था। और उस समय तो बहुतत ही चिढ़ हुआ करती थी जब अखबार के दफ्तर में काम कर रहा कोई बारहवीं पास या अंडर-ग्रेजुएट छोरा लेखों को इवैल्यूएट किया करता था - बस, जैसे तैसे समय पास हो रहा था ----पिछले साल नवंबर के महीने की 15-20 तारीख के आसपास एक संपादक ने मुझे हिंदी लेख ई-मेल के माध्यम से भेजने के लिये कहा था।

मेरी बेटे से बात हुई ----उस ने दो-चार दिन में बड़ी मेहनत करने के बाद पता नहीं कहां से यह पता कर के मुझे बता दिया कि Alt +Shift दबाने से हिंदी लिखी जा सकती है, ऐसे ही हिंदी में ई-मेल भेजी जा सकती है यह भी उसने ही मुझे बतलाया और फिर पता नहीं कहां से रविरतलामी जी के हिंदी ब्लाग का पता उस ने ही ढूंढ निकाला ---उन के ब्लाग से पहली बार जाना कि हिंदी में भी ब्लागरी हो रही है ......बस, दो चार दिन हैरान होने के बाद 21 नवंबर 2007 को ब्लाग पर पहली पोस्ट ठेल ही दी। चूंकि मुझे इन्स्क्रिप्ट टाईपिंग का पिछले कईं सालों से अभ्यास था तो नेट पर हिंदी लिखने में कोई दिक्कत नहीं हुई । ब्लागवाणी और चिट्ठाजगत जैसे हिंदी ब्लाग ऐगरीगेटरों के बारे में भी मुझे बताने वाला विशाल ही है।

तो मेरे इस हिंदी ब्लागिंग में घुसने का पूरा श्रेष्य मैं अपने बेटे विशाल को देता हूं ---तब वह +2 में पढ़ रहा था लेकिन फिर भी मेरे हर प्रश्न का जवाब देने के लिये सदैव तत्पर रहता था ---कईं बार तो अपनी पढ़ाई छोड़ कर मेरे पास बैठ जाता था ---आज कल वह कंप्यूटर इंजीनियरिंग कर रहा है -----( नहीं, नही, डाक्टरी नहीं, उस की कभी इस में रूचि ही नहीं थी ) ----मुझे कुछ पता नहीं था कि इमेज़ कैसे डालना है ब्लाग में, यू-टयूब से लिंक कैसे डालने है और इस के साथ साथ और भी बहुत सी बातें जो उस ने मुझे बतलाई। इस दौरान कईं बार तो इरीटेट भी हुआ खास कर उस समय जब मैं उस के इंटरनैट टाइम पर एनक्रोच कर जाता था ----- गर्मी खा कर बहुत बार यह भी कह देता है कि पापा, देख लेना मैं किसी दिन आप का गूगल एकाऊंट ही उड़ा दूंगा ----और यह बात तो बहुत बार कह चुका है कि पापा, मैं तो पछता रहा हूं उस दिन को जिस दिन मैं आप को यह बता बैठा कि हिंदी ब्लागिंग नाम की भी कोई चीज़ है। खैर, एक दो मिनट के बाद अपनी कही हुई बात भूल जाता है।

थैंक-यू विशाल

कुछ बातें जो मैंने नेट पर आ कर सीखी है वह यह है कि ब्लागिंग करने से मन हल्का हो जाता है -----यह एक बढ़िया स्ट्रैस-मैनेजमैंट है -----और जब ब्लाग लिखना शुरू किया था तो कोई एजैंडा था नहीं ----बस अपने आप ही एक बात से दूसरी बात निकलती गई। यहां तक कि एक पोस्ट लिखते वक्त भी कुछ खास मन में होता नहीं ----बस लिखते लिखते कलम अपने आप चल निकलती है।

ब्लॉग का असर ------ आज कल अखबारों में कईं बार आप एक कॉलम देखते हैं ना ----खबर का असर। ठीक उसी प्रकार आज मैं ब्लाग का असर बता रहा हूं -----मैंने कुछ महीने पहले एक पोस्ट लिखी थी कि मोटापा कम करने का सुपरहिट फार्मूला ------इस में मैंने अपने खान-पान के बारे में विस्तार से लिखा ----इस पोस्ट पर कुछ कमैंट्स मिले और वैसे भी पोस्ट लिखते लिखते ही मैं अपने खाने पीने के तौर-तरीके देख कर डर सा गया और उसी दिन से पूरा परहेज़ करना शुरू कर दिया और इसी चक्कर में चार-महीनों में लगभग आठ किलो वज़न कम हो गया---इसलिये हल्कापन महसूस होने लगा है।

मुझे याद है हमारे गुरू जी ब्रह्मषि श्री ऋषि प्रभाकर जी अकसर यही कहते हैं कि किसी विद्या को जीवित रखने के लिये या उसे जीने के लिये सब से बढ़िया है कि तुम उस को दूसरों को सिखाना शुरू कर दो -----दूसरों को पढ़ाना शुरू कर दो ----वे कहते हैं कि इस ज्ञान को दूसरों के साथ बे-धड़क हो कर बांटने का मतलब है कि तुम जितनी बार भी कोई बात किसी से कह रहे हो उतनी ही बार अपने आप से भी तो कह रहे हो ---इसलिये वह बात तुम्हें भी पक्की हो जाती है। इसी चक्कर में मेरे खान-पान में सुधार हुआ है और मैंने प्रातःकाल का भ्रमण शुरू कर दिया है -----अब तो मुझे केवल यह जानने की उत्सुकता हो रही है कि क्या आपने यह सब करना शुरू किया है कि नहीं ----कम से कम नमक का इस्तेमाल तो कम कर ही दिया होगा। चलिये, अच्छा है , खुश रहें, स्वस्थ रहें ----यूं ही लगे रहिये।

27 टिप्‍पणियां:

  1. साल पूरे करने की बहुत बहुत बधाई। आशा है , आप अपने मिशन में अवश्‍य कामयाब होंगे।

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  2. bahut badhai aur subhkamnayen.. aapko hamesa hi padhti hun..isi tarah likhte rahen.

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  3. चोपडा साहब जी , नमस्कार मुझे भी मेरे बेटो का बहुत सहारा है, बहुत सी चीजे मेने उन से ही सीखी है, बहुत सी क्या सारी बाते उन से ही सीखी है बाकी कहानी विशाल वाली ही है,
    आप को आप के ब्लांग के जनम दिन की बधाई हो.
    धन्यवाद

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  4. साल पुरा होने पे आपको ढेरो बधाई ......

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  5. जबलपुरिया शुभ कामनाएं स्वीकारिए

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  6. साल पुरा होने की आपको ढेरो बधाई ......

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  7. बधाई हो, बधाई हो, बधाई हो, आपकी खुशी में हम भी शामिल हैं.

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  8. थैंक्यू विशाल ,
    के बाद का हिस्सा जैसे मेरी सोच का आईना हो , सोच रहा था की सेवानिवृति के पश्चात क्या मुझे क्रिया शील रख पायेगा , ? सामने ब्लोगिंग खड़ी थी ! अब यह आप पर है की आप इस विधा को अपने एवं अन्य लोगों के लिए कैसे व कितना रुचिकर बना सकते हैं | ज्ञान ही वह संपत्ति है जो जितना व्यय की जाए उतनी ही बढ़ती है , यह कथन बहुत सही है की किसी विषय को हम जीतनी बार औरो को बताएँगे उतनी ही बार हम उस ज्ञान को झाड़ -पोछ ,चमका कर उसे पुनः पुनः नया बनIते है ,और लोगो के प्रश्नों का उत्तर ढूढने के लिए अपने ज्ञान को अद्यातन करने को भी बाध्य हो जाते है ,| वर्षायु की शुभ कामना एवं हार्दिक बधाईयाँ |
    अन्योनास्ति की " बतकही "

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  9. बधाई! आपकी सीरीज बहुत ज्ञानवर्धक है!

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  10. एक वर्ष पूरा करने पर बहुत बहुत बधाइयाँ। आप की कलम ऐसे ही ब्लागियाती रहे।

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  11. ek varsh poore hone par badhayee.

    रविरतलामी जी ke blog se humne bhi bahut kuchh seekha hai.

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  12. बहुत बहुत बधाई । मैंने भी बच्चियों विशेषकर अपने जवांइयों की सहायता से ही हिन्दी में टाइप करना शुरू किया । हिन्दी ब्लॉगिंग के बारे में मुझे सृजन शिल्पी जी ने बताया व ब्लॉग शुरू करने को प्रोत्साहित किया ।

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  13. एक साल पूरा होनेपर आपको ढेर सारी बधाई. आपका कहना बिल्कुल ठीक है. ब्लागिंग स्ट्रेस मैनेज करने में बहुत सहायक सिद्ध हुआ है. आप लिखते रहें, यही कामना है.

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  14. वर्षगांठ की बधाई, आने वाले वर्षों में आपकी ब्लॉगरी की कैंची व चाकू में और पैना पन आए, ब्लॉग डायग्नोसिस में और पुख्तापन आए - शुभकामनाएँ.

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  15. एक साल पूरा करने पर बधाई स्वीकार करें डॉ साहब।

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  16. आपके ब्लोग से स्वास्थ्य सँबँधी अनेक अच्छी बातेँ पडीँ हैँ एक वर्ष पूरा करने की बधाई एवँ विशाल को आशिष
    - लावण्या

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  17. एक साल पूरा होने पर बहुत-बहुत बधाइयाँ, ढेरों शुभकामनाएं!

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  18. चोपड़ा परा जी ..मैं तो आप जैसों के लेख पढ़-पढ़ कर ही कुछ सीख सका हूँ और सीख रहा हूँ ....बस सिखाते रहिये ...बधाई और स्वस्थ रहिये .....
    (विशाल को देख यूँ लगा ..जैसे आपने अपनी जवानी की फोटो लगा दी ) विशाल को बहुत-बहुत आशीर्वाद ....

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  19. चोपड़ा परा जी ..मैं तो आप जैसों के लेख पढ़-पढ़ कर ही कुछ सीख सका हूँ और सीख रहा हूँ ....बस सिखाते रहिये ...बधाई और स्वस्थ रहिये .....
    (विशाल को देख यूँ लगा ..जैसे आपने अपनी जवानी की फोटो लगा दी ) विशाल को बहुत-बहुत आशीर्वाद ....

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