शनिवार, 29 मार्च 2008

मसूड़ों से खून निकलना.....कुछ महत्त्वपूर्ण बातें...

मसूड़ों से खून निकलना एक बहुत ही आम समस्या है, लेकिन अधिकांश लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते। हां, अकसर लोग इतना ज़रूर कर लेते हैं कि अगर ब्रुश करने समय मसूड़ों से खून निकलता है तो ब्रुश का इस्तेमाल करना छोड़ देते हैं और अंगुली से दांत साफ करना शुरू कर देते हैं। यह बिल्कुल गलत है – ऐसा करने से पायरिया रोग बढ़ जाता है। कुछ लोग किसी मित्र-सहयोगी की सलाह को मानते हुये कोई भी खुरदरा मंजन दांतों पर घिसने लगते हैं , कुछ तो तंबाकू वाली पेस्ट को ही दांतों-मसूड़ों पर घिसना शुरू कर देते हैं। यह सब करने से हम मुंह के गंभीर रोगों को बढ़ावा देते हैं।

जब भी किसी को मसूड़ों से रक्त आने की समस्या हो तो उसे प्रशिक्षित दंत-चिकित्सक से मिलना चाहिये। वहीं आप की समस्या के कारणों का पता चल सकता है। बहुत से लोग तो तरह तरह की अटकलों एवं भ्रांतियों की वजह से अपना समय बर्बाद कर देते हैं...इसलिये अगर किसी को भी यह मसूड़ों से खून निकलने की समस्या है तो उसे तुरंत ही अपने दंत-चिकित्सक से मिलना चाहिये।

मसूड़ों से खून निकलने का सबसे आम कारण दांतों की सफाई ठीक तरह से ना होना है जिसकी वजह से दांत पर पत्थर( टारटर) जम जाता है। इस की वजह से मसूड़ों में सूजन आ जाती है और वें बिल्कुल लाल रंग अख्तियार कर लेते हैं। इन सूजे हुये मसूड़ों को ब्रुश करने से अथवा हाथ से छूने मात्र से ही खून आने लगता है। जितनी जल्दी इस अवस्था का उपचार करवाया जाये, मसूड़ों का पूर्ण स्वास्थ्य वापिस लौटने की उतनी ही ज़्यादा संभावना रहती है। इस का मतलब यह भी कदापि नहीं है कि अगर आप को यह समस्या कुछ सालों से परेशान कर रही है तो आप यही सोचने लगें कि अब इलाज करवाने से क्या लाभ, अब तो मसूड़ों का पूरा विनाश हो ही चुका होगा। लेकिन ठीक उस मशहूर कहावत....जब जागें, तभी सवेरा....के मुताबिक आप भी शीघ्र ही अपने दंत-चिकित्सक को से दिखवा के यह पता लगवा सकते हैं कि आप के मसूड़े किस अवस्था में हैं और इन को बद से बदतर होने से आखिर कैसे बचाया जा सकता है।

कुछ लोग तो इस अवस्था के लिये अपने आप ही दवाईयों से युक्त कईं प्रकार की पेस्टें लगाना शुरू कर देते हैं अथवा महंगे-महंगे माउथ-वॉशों का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। लेकिन इस तरह के उपायों से आप को स्थायी लाभ तो कभी भी नहीं मिल सकता .....शायद कुछ समय के लिये ये सब आप के लक्षणों को मात्र छिपा दें।


मसूड़ों की बीमारियों से बचने का सुपर-हिट अचूक फार्मूला तो बस यही है कि आप सुबह और रात दोनों समय पेस्ट एवं ब्रुश से दांतों की सफाई करें, जुबान साफ करने वाली पत्ती ( टंग-क्लीनर) से रोज़ाना जुबान साफ करें और हर खाने के बाद कुल्ला अवश्य कीजिये। इस के साथ साथ तंबाकू के सभी रूपों, गुटखों एवं पान-मसालों से कोसों दूर रहें।

अकसर लोग अपनी छाती ठोक कर यह कहते भी दिख जाते हैं हम तो भई केवल दातुन से ही दांत कूचते हैं...यही राज़ है कि ज़िंदगी के अस्सी वसंत देखने के बाद भी बत्तीसी कायम है। यहां पर मैं भी उतनी ही बेबाकी से यह स्पष्ट कर देना चाहूंगा कि बात केवल मुंह में बत्तीसी कायम रखने तक ही तो सीमित नहीं है, बल्कि उस बत्तीसी का स्वस्थ रहना भी ज़रूरी है।

अकसर मैंने अपनी क्लीनिकल प्रैक्टिस में नोटिस किया है कि जो लोग केवल दातुन का ही इस्तेमाल करते हैं, उन में से भी काफी प्रतिशत ऐसे भी होते हैं जिन के मसूड़ों में सूजन होती है। लेकिन इस का दोष हम दातुन पर कदापि नहीं थोप सकते !....यह क्या ?...आप किस गहरी सोच में पढ़ गये हैं !...सीधी सी बात है कि अगर आप कईं सालों से दातुन का ही इस्तेमाल कर रहे हैं और आप को दांतों से कोई परेशानी नहीं है तो भी आप अपने दंत-चिकित्सक से नियमित चैक-अप करवाइये। अगर वह आप के मुंह का चैक-अप करने के पश्चात् यह कहता है कि आप के दांत एवं मसूड़े बिल्कुल स्वस्थ हैं तो ठीक है ....आप केवल दातुन का ही प्रयोग जारी रखिये। लेकिन अगर उसे कुछ दंत-रोग दिखते हैं तो आप को दातुन के साथ-साथ ब्रुश-पेस्ट का इस्तेमाल करना ही होगा।

एक विशेष बात यह भी है कि अकसर लोग दातुन का सही इस्तेमाल करते भी नहीं—वे दातुन को चबाने के पश्चात् दांतों एवं मसूड़ों पर कुछ इस तरह से रगड़ते हैं कि मानो बूट पालिश किये जा रहे हों...ऐसा करने से दांतों की संरचना को नुकसान पहुंचता है। आप चाहे दातुन ही करते हैं, लेकिन इस को भी दंत-चिकित्सक की सलाह अनुसार ब्रुश की तरह ही इस्तेमाल कीजिये।

15 टिप्‍पणियां:

  1. aapka dhanyawaad. main pichle kaafi samay se is samadya se joojh raha hoon.

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  2. @ अगर आप चाहें तो मुझे अपनी प्राबल्म इ-मेल कर सकते हैं या अनानिमस कमैंट के ज़रिये लिख सकते हैं। मुझे आप को सही मार्ग-दर्शन देने में बहुत खुशी होगी।

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  3. डॉक्‍टर साहब मैं एक पत्रकार और आपकी ही तरह एक ब्‍लॉगर हूं। आज भास्‍कर में आपके बारें में पढ़ा तो ब्‍लॉग पर आना हूं, आपका ब्‍लॉगर हम जैसे लोगों के लिए बहुत उपयोगी है।

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  4. डाक्टर साहब, जानकारी के लिए शुक्रिया। मैं भी एक समस्या से जूझ रहा हूं। वह समस्या है अक्ल दाढ का निकलना। कई दिनों से मुझे यह समस्या है और दांत में सूजन रहती है साथ ही खून आता है। यह समस्या सबसे पीछे के दांत में है। मसूडे से दांत के लिकलने में समस्या आ रही है क्योंकि वहां स्पेश नहीं है। कोई सलाह दें।

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  5. sir mere dant thode bahr hain.aap kolkata me koi achchha doctor ya hospital bta skte hain jhan yh problem solve ho ske to please mail me.

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  6. इस उम्दा जानकारीपूर्ण पोस्ट के लिये आभार/

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  7. इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए बधाई !

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  8. हमें पेस्ट कभी पसंद नहीं आया। एक आयुर्वेदिक पाउड़र से ब्रश के साथ ब्रश करते हैं। दांतों को कोई तकलीफ नहीं।

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  9. DR.JI MERE DANT ME KIDE LAGE HAI JISKE KARAN MASUDON SE KHOON AA RAHA HAI AUR PAS BAN RAHA TO MUJHE KYA KARNA CHAHIYE. PLZ AAP APNI SALAH DEIN.

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इस पोस्ट पर आप के विचार जानने का बेसब्री से इंतज़ार है ...