मंगलवार, 11 मार्च 2008

अब मुश्किल नहीं कुछ भी !

मैंने तो जब से इस गाने को सुना है मुझे तो नहीं लगता कि नामुमकिन नाम का कोई शब्द शब्द-कोष में है। इस गीत का एक एक शब्द, इस के म्यूज़िक नोट्स और श्रेयस तलपड़े की बेहतरीन एक्टिंग में इतना ज़्यादा जादू है कि किसी भी गिरे हुये बंदे को उठने के लिए प्रेरित ही नहीं कर दें, बल्कि उस की बांह पकड़ कर उसे उठा ही दे। मुझे तो यह गाना बेहद पसंद है ...जब भी यह कभी टीवी वगैरा पर देखता हूं तो किसी और लोक में ही पहुंच जाता हूं। इस फिल्म की सिनेमैटोग्राफी भी इतनी है कि इस की जितनी भी तारीफ़ की जाये कम चाहे। सिम्पली सुपर्ब।
एक बार फिर से इस का आनंद लेता हूं।

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