आज कल पब्लिक को नमक के ज़्यादा इस्तेमाल के बारे में बहुत ही ज़्यादा सचेत किया जा रहा है। कहा जाता है कि अमेरिका में भी लोग बहुत ज़्यादा नमक का इस्तेमाल करते हैं और इस का कारण यही बताया जाता है कि वहां पर प्रोसैसेड एवं रेस्टरां का खाना बहुत ज़्यादा प्रचलित है। ठीक है, हमारे यहां पर अभी तो यह प्रोसैसेड फूड्स इतने पापुलर नहीं हैं लेकिन इन का चलन धीरे धीरे बढ़ ही रहा है। रेस्टरां में खाने का भी रिवाज़ बढ़ता ही जा रहा है।
हमारी ज़्यादा समस्या यही है कि हम लोगों के यहां लोगों में नमक से लैस जंक फूड का क्रेज़ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ये समोसे, कचौरियां, मठड़ीयां, भुजिया, ..........................इतनी लंबी लिस्ट है कि क्या क्या लिखें। इन से बच कर रहने में ही बचाव है।
कुछ समय पहले मद्रास अपोलो में एक डाक्टर से मुलाकात हुई --उसने अपना अनुभव बताया कि उस का वज़न एवं ब्लड-प्रैशर बहुत ज़्यादा बढ़ा हुया था लेकिन उस ने अपने वज़न कम कर के एवं नमक के इस्तेमाल पर कंट्रोल कर के ही अपनी ब्लड-प्रैशर दुरूस्त कर लिया । लेकिन ऐसे अनुभव बहुत ही कम देखने सुनने में मिलते हैं , भला ऐसा क्यों है, क्या आपने कभी ऐसा सोचा है ?
ब्लड-प्रैशर, मोटापे, गुर्दे की बीमारी आदि बहुत ही शारीरिक व्याधियों में सब से ज़्यादा यही देख कर दुःख होता है कि लोग सलाह तो जाकर बड़े से बड़े डाक्टर से लेते हैं ---एक बार परामर्श के लिये पांच पांच सौ फीस भी भरते हैं लेकिन बहुत ही छोटी दिखने वाली लेकिन बहुत ही ज़्यादा महत्वपूर्ण बात कि नमक का इस्तेमाल करने की तरफ़ अकसर देखा जाता है कि लोग इतना ज़्यादा ध्य़ान देते नहीं हैं। यही कारण है कि ब्लड-प्रैशर का हौआ हमेशा बना ही रहता है।
हमारी ज़्यादा समस्या यही है कि हम लोगों के यहां लोगों में नमक से लैस जंक फूड का क्रेज़ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ये समोसे, कचौरियां, मठड़ीयां, भुजिया, ..........................इतनी लंबी लिस्ट है कि क्या क्या लिखें। इन से बच कर रहने में ही बचाव है।
कुछ समय पहले मद्रास अपोलो में एक डाक्टर से मुलाकात हुई --उसने अपना अनुभव बताया कि उस का वज़न एवं ब्लड-प्रैशर बहुत ज़्यादा बढ़ा हुया था लेकिन उस ने अपने वज़न कम कर के एवं नमक के इस्तेमाल पर कंट्रोल कर के ही अपनी ब्लड-प्रैशर दुरूस्त कर लिया । लेकिन ऐसे अनुभव बहुत ही कम देखने सुनने में मिलते हैं , भला ऐसा क्यों है, क्या आपने कभी ऐसा सोचा है ?
ब्लड-प्रैशर, मोटापे, गुर्दे की बीमारी आदि बहुत ही शारीरिक व्याधियों में सब से ज़्यादा यही देख कर दुःख होता है कि लोग सलाह तो जाकर बड़े से बड़े डाक्टर से लेते हैं ---एक बार परामर्श के लिये पांच पांच सौ फीस भी भरते हैं लेकिन बहुत ही छोटी दिखने वाली लेकिन बहुत ही ज़्यादा महत्वपूर्ण बात कि नमक का इस्तेमाल करने की तरफ़ अकसर देखा जाता है कि लोग इतना ज़्यादा ध्य़ान देते नहीं हैं। यही कारण है कि ब्लड-प्रैशर का हौआ हमेशा बना ही रहता है।
नमक की बात ठीक है पर वजन कम करना और उसे स्थाई बनाए रखना आसान नहीं। इस का आसान तरीका क्या है?
जवाब देंहटाएंबहुत सही कह रहे हैं। हमने अपने आहार में नमक कम नहीं किया है बल्कि बढ़ा लिया है। जबकि हमने पसीना बहाना कम कर दिया है। नमक के सोडियम तत्व का ही रक्तचाप व शरीर की कोशिकाओं में पानी रोकने से सम्बन्ध है। सोडियम अधिकतर उन पदार्थों में भी होता है जो खाद्य पदार्थों को खराब होने से बचाते हैं। खाने में अचानक नमक कम करना कठिन होता है परन्तु यदि हम अचार, सॉस, पापड़, नमकीन व डिब्बा बंद चीजों आदि का प्रयोग कम कर दें व फलों और सलाद के साथ नमक न लें तो भी आम व्यक्ति को बहुत लाभ हो सकता है।
जवाब देंहटाएंवजन कम करने का भी वही फंडा है जो बैंक में जमा पैसे का। यदि अधिक डालोगे कम निकालोगे तो वहाँ बहुत पैसा जमा हो जाएगा। वैसे ही यदि अधिक कैलोरी खाएँगे और कम खर्च करेंगे तो वहन बढ़ेगा। यदि कम खाएँ व अधिक खर्च करेंगे तो कम हो जाएगा। यदि जितना खाएँ उतना खर्च करें तो वह स्थिर रहेगा। केवल एक बहुत छोटी प्रतिशत लोगों का वजन मैटाबॉलिक रोगों के कारण बढ़ता है।
घुघूती बासूती
वजन कम करने का मेरा अपना उपाय है खाने से पहले फल खाना. इससे भूख भी मिट जाती है और मोटापा भी भाग जाता है. और उसे कम बनाये रखने के लिये कसरत कर लीजिये - रोजाना बस २०-२५ मिनट दौड लीजिये, हो गया काम!
जवाब देंहटाएंचटपटी चीजे खाये, लेकिन महीने मै एक बार, ओर ज्यादा ना खाये, नमक भी कम खाये, रोटी कम खाये सब्जियां ज्यादा, फ़ल ज्यादा, वजन धीरे धीरे अपने आप कम हो जायेगा, सफ़ेद आटा ( मेदा ) ना खाये.
जवाब देंहटाएंइस सुंदर जानकारी के लिये आप का धन्यअवाद
अच्छा यह इतना सरल मामला है ?
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह एक सुंदर जानकारी लिए लेख के लिए साधुवाद.
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह एक सुंदर जानकारी लिए लेख के लिए साधुवाद.
जवाब देंहटाएंDo you include Samosa, Kchouri etc in junk food?
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