पायरिया रोग याने वह रोग जिस में मसूड़ों से खून आने लगता है, मसूड़े फूल जाते हैं...पस रिसती है, बाद में दांत हिलने लगते हैं..दांतों में ठंडा गर्म की शिकायत शुरू हो जाती है ...मसूड़े दांतों से पीछे सरक जाते हैं...(Gum recession)
जितना यह नाम भयानक है ...और जितना डर लोगों के मन में इस के बारे में है, उतना डरने वाली बात है नहीं... पहली बात यह कि इस से बचाव संभव है और दूसरी बात यह कि अगर यह हो भी इसका पूरा उपचार हो जाता है ...
यह युवक २० वर्ष का है, इस के मसूड़ों की हालत आप देख रहे हैं...हाथ लगाते ही इन से खून टपकने लगता है ...कह रहा था कि पिछले चार पांच महीने से परेशान हूं...लेकिन कल किसी दोस्त ने आप के बारे में बताया तो मैं हिम्मत कर के चला आया...
जितनी पेस्ट होती है कर रहा है, लेकिन अच्छे से कर नहीं पाता...
चलिए, यह तो कर रहा है लेकिन अधिकतर लोग इस तरह की अवस्था में ब्रुश करना ही छोड़ देते हैं...सोचते है ंकि ब्रुश करने से खून आता है तो चलिए ब्रुश करना ही छोड़ देते हैं...आर अपनी अंगुली से दांत मांजने लग जाते हैं...
इस से तकलीफ़ बढ़ जाती है, कम नहीं होती ..
और ऊपर से टीवी पर आने वाले रंगारंग विज्ञापन ...महंगी ठंडे गर्म वाली पेस्टें या कोई देशी पेस्ट खरीद लेते हैं क्योंकि इन विज्ञापन की भाषा ही इतनी लच्छेदार होती है ..लेकिन इस से रोग कम नहीं होता, बढ़ता ही रहता है।
दांतों में ठंडा गर्म लगने के उपचार के लिए प्रचारित की जाने वाली पेस्टें इस तकलीफ़ से छुटा तो क्या दिलाएंगी, बस वे शायद कुछ समय के लिए ठंडा-गर्म लगने वाला लक्षण दबा लेती हैं.. आदमी समझता है कि मैं ठीक हो गया...बस, यही काम है इस तरह की पेस्टों का।
इस पायरिया रोग के बारे में और क्या लिखें....सब कुछ तो पहले ही लिखा जा चुका है ...कभी कभी रिमांइडर के तौर पर पुराने पाठ को दोहराना पड़ता है ..बस।
इस युवक के मसूड़ें भी बिल्कुल दुरुस्त हो जाएंगे...पूछ रहा था कि क्या इस की दवाई लंबे अरसे तक चलेगी...मैंने उसे बताया कि इस के लिए कोई दवाई होती ही नहीं...बस, तुम्हें दांतों की अच्छे से साफ़-सफ़ाई रखने का सलीका सीखना होगा, जुबान रोज़ाना साफ़ करनी होगी....और मेरे पास तीन चार बार आकर इस का इलाज करवाना होगा...
यहां यह बताना अनिवार्य होगा कि इस छोटी उम्र में अच्छी इम्यूनिटी की वजह से इस तरह की मसूड़ों की सूजन बड़े ही आराम से और बड़ी जल्द ही ठीक हो जाती है ... कुछ ही दिनों में यह सब परेशानी गायब, लेकिन नियमित सुबह रात ब्रुश अच्छे से अच्छी क्वालिटी की पेस्ट से करना निहायत ही ज़रूरी है ...और दिन भर में कुछ भी खाने के बाद कुल्ला कर लेना एक और अच्छी आदत है..आप भी इसे डाल लीजिए ..
इस युवक के बहुत जल्दी ठीक होने की संभावना इसलिए भी है क्योंकि यह गुटखा-पान मसाला जैसी किसी चीज़ों का इस्तेमाल नहीं करता ..ये सब चीज़ें पायरिया रोग में कोढ़ में खाज जैसा काम करती हैं..
जाते जाते बस एक बात कि रोज़ाना हर जगह देखते हैं कि बड़ी बड़ी कंपनियां या बड़े बड़े लोग यह प्रचारित करते हैं कि पायरिया रोग उन की इस पेस्ट से हमेशा के लिए खत्म हो जायेगा...वैसे बाज़ारों में भी रिक्शा में बैठ कर कुछ नीमहकीम यह ढिंढोरा पीट रहे होते हैं कि उन के मंजन से पायरिया रफू-चक्कर हो जायेगा......पक्का यकीन रखिए कि ऐसा हो ही नहीं सकता, कभी भी....ये सब विज्ञापनबाज़ी है ...और कुछ नहीं, पायरिया के उचित इलाज के लिए किसी प्रशिक्षित दंत चिकित्सक की चौखट पर जा कर दस्तक देनी ही होगी....वरना बेकार के चक्करों में समय नष्ट करने वाली बाते हैं..
दांतों, मसूडों की हालत जैसी भी है, घबराईए नहीं, जा कर दंत चिकित्सक से मिलिए... एक बात और भी है कि मसूड़ों से खून निकलने के बीसियों कारण हैं...रक्त के कैंसर से लेकर मुंह के कैंसर तक ....लेकिन ओपीडी में आने वाले अधिकांश केसों में 99 प्रतिशत या उस से भी ज्यादा पायरिया के रोगियों में मूसड़ों की सूजन ही इस का कारण पाया जाता है ....Reminds me of my college professor who used to advise us quite often..."In a patient, you see what you know, you don't see what you don't know! First and foremost, always think of the common symptoms of the common diseases."
और हां, इस युवक के मसूड़ों के फिर से स्वस्थ होने की तस्वीरें मैं कुछ दिन बाद शेयर करूंगा...
जितना यह नाम भयानक है ...और जितना डर लोगों के मन में इस के बारे में है, उतना डरने वाली बात है नहीं... पहली बात यह कि इस से बचाव संभव है और दूसरी बात यह कि अगर यह हो भी इसका पूरा उपचार हो जाता है ...
यह युवक २० वर्ष का है, इस के मसूड़ों की हालत आप देख रहे हैं...हाथ लगाते ही इन से खून टपकने लगता है ...कह रहा था कि पिछले चार पांच महीने से परेशान हूं...लेकिन कल किसी दोस्त ने आप के बारे में बताया तो मैं हिम्मत कर के चला आया...
जितनी पेस्ट होती है कर रहा है, लेकिन अच्छे से कर नहीं पाता...
चलिए, यह तो कर रहा है लेकिन अधिकतर लोग इस तरह की अवस्था में ब्रुश करना ही छोड़ देते हैं...सोचते है ंकि ब्रुश करने से खून आता है तो चलिए ब्रुश करना ही छोड़ देते हैं...आर अपनी अंगुली से दांत मांजने लग जाते हैं...
इस से तकलीफ़ बढ़ जाती है, कम नहीं होती ..
और ऊपर से टीवी पर आने वाले रंगारंग विज्ञापन ...महंगी ठंडे गर्म वाली पेस्टें या कोई देशी पेस्ट खरीद लेते हैं क्योंकि इन विज्ञापन की भाषा ही इतनी लच्छेदार होती है ..लेकिन इस से रोग कम नहीं होता, बढ़ता ही रहता है।
दांतों में ठंडा गर्म लगने के उपचार के लिए प्रचारित की जाने वाली पेस्टें इस तकलीफ़ से छुटा तो क्या दिलाएंगी, बस वे शायद कुछ समय के लिए ठंडा-गर्म लगने वाला लक्षण दबा लेती हैं.. आदमी समझता है कि मैं ठीक हो गया...बस, यही काम है इस तरह की पेस्टों का।
इस पायरिया रोग के बारे में और क्या लिखें....सब कुछ तो पहले ही लिखा जा चुका है ...कभी कभी रिमांइडर के तौर पर पुराने पाठ को दोहराना पड़ता है ..बस।
इस युवक के मसूड़ें भी बिल्कुल दुरुस्त हो जाएंगे...पूछ रहा था कि क्या इस की दवाई लंबे अरसे तक चलेगी...मैंने उसे बताया कि इस के लिए कोई दवाई होती ही नहीं...बस, तुम्हें दांतों की अच्छे से साफ़-सफ़ाई रखने का सलीका सीखना होगा, जुबान रोज़ाना साफ़ करनी होगी....और मेरे पास तीन चार बार आकर इस का इलाज करवाना होगा...
यहां यह बताना अनिवार्य होगा कि इस छोटी उम्र में अच्छी इम्यूनिटी की वजह से इस तरह की मसूड़ों की सूजन बड़े ही आराम से और बड़ी जल्द ही ठीक हो जाती है ... कुछ ही दिनों में यह सब परेशानी गायब, लेकिन नियमित सुबह रात ब्रुश अच्छे से अच्छी क्वालिटी की पेस्ट से करना निहायत ही ज़रूरी है ...और दिन भर में कुछ भी खाने के बाद कुल्ला कर लेना एक और अच्छी आदत है..आप भी इसे डाल लीजिए ..
इस युवक के बहुत जल्दी ठीक होने की संभावना इसलिए भी है क्योंकि यह गुटखा-पान मसाला जैसी किसी चीज़ों का इस्तेमाल नहीं करता ..ये सब चीज़ें पायरिया रोग में कोढ़ में खाज जैसा काम करती हैं..
जाते जाते बस एक बात कि रोज़ाना हर जगह देखते हैं कि बड़ी बड़ी कंपनियां या बड़े बड़े लोग यह प्रचारित करते हैं कि पायरिया रोग उन की इस पेस्ट से हमेशा के लिए खत्म हो जायेगा...वैसे बाज़ारों में भी रिक्शा में बैठ कर कुछ नीमहकीम यह ढिंढोरा पीट रहे होते हैं कि उन के मंजन से पायरिया रफू-चक्कर हो जायेगा......पक्का यकीन रखिए कि ऐसा हो ही नहीं सकता, कभी भी....ये सब विज्ञापनबाज़ी है ...और कुछ नहीं, पायरिया के उचित इलाज के लिए किसी प्रशिक्षित दंत चिकित्सक की चौखट पर जा कर दस्तक देनी ही होगी....वरना बेकार के चक्करों में समय नष्ट करने वाली बाते हैं..
दांतों, मसूडों की हालत जैसी भी है, घबराईए नहीं, जा कर दंत चिकित्सक से मिलिए... एक बात और भी है कि मसूड़ों से खून निकलने के बीसियों कारण हैं...रक्त के कैंसर से लेकर मुंह के कैंसर तक ....लेकिन ओपीडी में आने वाले अधिकांश केसों में 99 प्रतिशत या उस से भी ज्यादा पायरिया के रोगियों में मूसड़ों की सूजन ही इस का कारण पाया जाता है ....Reminds me of my college professor who used to advise us quite often..."In a patient, you see what you know, you don't see what you don't know! First and foremost, always think of the common symptoms of the common diseases."
और हां, इस युवक के मसूड़ों के फिर से स्वस्थ होने की तस्वीरें मैं कुछ दिन बाद शेयर करूंगा...