ब्लड-ग्रुप की बात हो तो ध्यान आता है कि लोग इसे तब करवाते हैं जब कभी उन की कोई सर्जरी होनी हो अथवा उन्हें रक्त चढ़ाने की ज़रूरत पड़ती है (blood transfusion) ...और हां, कईं बार बच्चों का स्कूल हैल्थ-कार्ड भरने से पहले भी कुछ लोग ब्लड-ग्रुप की जांच करवा लेते हैं, और ड्राईविंग लाइसैंस में भी ब्लड-ग्रुप तो लगता ही है। लेकिन आज पता चला कि जापान में डेटिंग से पहले भी ब्लड-ग्रुप का पता लगवाना वहां के लोगों की "ज़रूरत" सी बन गई है।
इस से बारे में विस्त़त जानकारी बीबीसी न्यूज़ की इस साइट पर प्रकाशित इस रिपोर्ट से प्राप्त कर सकते हैं। लेख में बताया गया है कि किस तरह से डेटिंग से पहले लड़के-लड़कियां ब्लड-ग्रुप पूछना नहीं भूलते। अगर वे किसी एक ब्लड-ग्रुप के लड़के या लड़की को डेटिंग के लिये चुनना चाहते हैं तो इस के लिये उन की अपनी च्वाइस है, अपने प्रेफरैंस हैं, ......या यूं कहूं कि भ्रांतियां हैं। और हम लोग यही सोच कर अकसर घुलते रहते हैं कि हम लोग ही नाना प्रकार की भ्रांतियों से ग्रस्त हैं। यह रिपोर्ट देख कर लगता है जैसे कि जापान तो हम से भी बाजी मार गया।
ब्लड-ग्रुप का पता होना केवल लव-इश्क-मोहब्बत के मामलों में साथी चुनने में ही नहीं होता, रिपोर्ट देखने पर पता चलता है कि नौकरी के समय भी उम्मीदवारों के ब्लड-ग्रुप का कुछ लोचा तो है। वहां लोग यह विश्वास करते हैं कि किसी शख़्स का ब्लड-ग्रुप उस के व्यक्तित्व को, उस के काम को एवं उस की प्रेम के प्रति आस्था आदि को प्रभावित करता है।
इंटरव्यू के समय अगर उम्मीदवारों से अगर उन का ब्लड-ग्रुप पूछा जायेगा तो उसे आप क्या कहेंगे? जापान का तो मुझे पता नहीं, लेकिन अगर ऐसी कोई व्यवस्था हमारे यहां होती तो जापान वाले भी हमारे जुगाड़ देख कर दांतों तले अंगुली दबा लेते ----उम्मीदवार हर तरह के ब्लड-ग्रुपों की रिपोर्टें अपने साथ ले कर घूमते --- जैसा इंटरव्यू वाले कमरे के बाहर माहौल देखा उसी अनुसार रिपोर्ट पेश कर दी। और डेटिंग के मामले में भी यही फंडा चल निकलता --- यह तो पता चलते देर नहीं लगती कि आजकल डेटिंग-वेटिंग के लिये कौन सा ब्लड-ग्रुप डिमांड में हैं, बस हो गया काम---- उसी तरह की रिपोर्ट मिलने में कहां कोई दिक्कत है?
इस ब्लड-ग्रुप फॉर डेटिंग जैसे मज़ाक को छोड़ कर अगर हम संजीदगी से विवाह-पूर्व शारीरिक जांच एवं टैस्ट इत्यादि करवा कर के ही बात को आगे चलाएं तो बात बने----क्या आप को नहीं लगता कि विवाह-पूर्व युवक-युवतियों की मैडीकल-रिपोर्टों की जांच उन की जन्मकुंडली के मिलान से कहीं ज़्यादा अहम् है, महत्वपूर्ण है, और समय की जबरदस्त मांग है। दोनों पक्षों की तरफ़ से इस मामले में झिझक कब खत्म होगी, इस के बारे में आप के क्या विचार हैं ?
इस से बारे में विस्त़त जानकारी बीबीसी न्यूज़ की इस साइट पर प्रकाशित इस रिपोर्ट से प्राप्त कर सकते हैं। लेख में बताया गया है कि किस तरह से डेटिंग से पहले लड़के-लड़कियां ब्लड-ग्रुप पूछना नहीं भूलते। अगर वे किसी एक ब्लड-ग्रुप के लड़के या लड़की को डेटिंग के लिये चुनना चाहते हैं तो इस के लिये उन की अपनी च्वाइस है, अपने प्रेफरैंस हैं, ......या यूं कहूं कि भ्रांतियां हैं। और हम लोग यही सोच कर अकसर घुलते रहते हैं कि हम लोग ही नाना प्रकार की भ्रांतियों से ग्रस्त हैं। यह रिपोर्ट देख कर लगता है जैसे कि जापान तो हम से भी बाजी मार गया।
ब्लड-ग्रुप का पता होना केवल लव-इश्क-मोहब्बत के मामलों में साथी चुनने में ही नहीं होता, रिपोर्ट देखने पर पता चलता है कि नौकरी के समय भी उम्मीदवारों के ब्लड-ग्रुप का कुछ लोचा तो है। वहां लोग यह विश्वास करते हैं कि किसी शख़्स का ब्लड-ग्रुप उस के व्यक्तित्व को, उस के काम को एवं उस की प्रेम के प्रति आस्था आदि को प्रभावित करता है।
इंटरव्यू के समय अगर उम्मीदवारों से अगर उन का ब्लड-ग्रुप पूछा जायेगा तो उसे आप क्या कहेंगे? जापान का तो मुझे पता नहीं, लेकिन अगर ऐसी कोई व्यवस्था हमारे यहां होती तो जापान वाले भी हमारे जुगाड़ देख कर दांतों तले अंगुली दबा लेते ----उम्मीदवार हर तरह के ब्लड-ग्रुपों की रिपोर्टें अपने साथ ले कर घूमते --- जैसा इंटरव्यू वाले कमरे के बाहर माहौल देखा उसी अनुसार रिपोर्ट पेश कर दी। और डेटिंग के मामले में भी यही फंडा चल निकलता --- यह तो पता चलते देर नहीं लगती कि आजकल डेटिंग-वेटिंग के लिये कौन सा ब्लड-ग्रुप डिमांड में हैं, बस हो गया काम---- उसी तरह की रिपोर्ट मिलने में कहां कोई दिक्कत है?
इस ब्लड-ग्रुप फॉर डेटिंग जैसे मज़ाक को छोड़ कर अगर हम संजीदगी से विवाह-पूर्व शारीरिक जांच एवं टैस्ट इत्यादि करवा कर के ही बात को आगे चलाएं तो बात बने----क्या आप को नहीं लगता कि विवाह-पूर्व युवक-युवतियों की मैडीकल-रिपोर्टों की जांच उन की जन्मकुंडली के मिलान से कहीं ज़्यादा अहम् है, महत्वपूर्ण है, और समय की जबरदस्त मांग है। दोनों पक्षों की तरफ़ से इस मामले में झिझक कब खत्म होगी, इस के बारे में आप के क्या विचार हैं ?
यह जबर्दस्त बात है। हाँ, अपने यहाँ तो जुगाड़ हो ही जाता।
जवाब देंहटाएंविवाह से पहले मेडिकल जाँच होनी ही चाहिए।
घुघूती बासूती
बेहतरीन पोस्ट...."
जवाब देंहटाएंबहुत ही रोचक जानकारी। वैसे शादी के पहले अगर ब्लड ग्रुप का मेल करवा लिया जाए, तो ज्यादा उचित हो।
जवाब देंहटाएं--------
गुफा में रहते हैं आज भी इंसान।
ए0एम0यू0 तक पहुंची ब्लॉगिंग की धमक।
अगर यही हाल रहा भारत मै जो आज कल चल रहा है, तो ब्लड ग्रुप को छोडो फ़िर तो ""डी एन ऎ"" के लिये भी मेल करवाना पडेगा, आखिर माड्रन बनाने की कोई कीमत तो चुकानी पडेगी ना.
जवाब देंहटाएंआप का धन्यवाद
शादी में पहले ही जनमपत्री का लोंचा था अब ब्लड ग्रुप और? शादी करना ही मुश्किल हो जाएगा।
जवाब देंहटाएंHoroscope matching is quite scientific. It includes blood group matching and other medical conditions. People are not aware what exactly is matched in horoscopes.
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