दोस्तो, अकसर हम देखते हैं कि बसों, गाड़ियों एवं अन्य वाहनों में यात्रा कर रहे लोगों को अकसर बार-बार मतली होने लगती है और कईँ बार तो यह उल्टियां उन की यात्रा का सारा मज़ा ही किरकिरा कर देती है। दोस्तो, मैं तो स्वयं ही इस का भुक्त-भोगी हूं ---- बस में यात्रा करना मेरे लिए आज भी आफ़त से कम नहीं है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि बस में ही यात्रा के दौरान किसी को यह तकलीफ़ हो, किसी को मोटर-कार में अथवा किसी को गाड़ी में भी यह तकलीफ होना बिलकुल संभव है। तो फिर इस से बचें कैसे.....अथवा एक बार जब ये उल्टियों वगैरह का चक्कर शुरू हो ही जाए तो इस से कैसे निबटा जाए।
तो, दोस्तो, सुनिए इस मोशन सिकनैस से बचने का सब से कारगर तरीका है कि आप बस अथवा गाड़ी (जिस के दौरान भी आप को यह तकलीफ होती है) में चढ़ने से लगभग आधा-या पौन घंटा पहले एक टेबलेट पानी के साथ ले लें.....उस टेबलेट में प्रोमैथाज़ीन नाम की दवा रहती है और यह 25(पच्चीस मिलीग्राम) की टेबलेट आसानी से बाज़ार में मिलती है। इस का एक ब्रांड तो बेहद पापुलर है— लेकिन मैं इस ब्रांड का नाम लिखना यहां ठीक नहीं समझता। दस टेबलेट्स की स्ट्रिप लगभग पच्चीस रूपये की मिलती है। फिर भी आप किसी भी केमिस्ट से जब सफर में उल्टियों आदि से बचाव की टेबलेट मांगेगे तो अधिकतर आप को यही ब्रांड ही मिलेगा। वैसे तो ब्रांड कोई भी हो, लेकिन ध्यान बस यह रहे कि उस में साल्ट प्रोमैथाज़ीन ही हो। अगर आप एक टेबलेट सफ़र शुरू होने से आधा-पौन घंटा पहले पानी से ले लेते हैं तो आप अगले 6-8 घंटे के लिए निश्चिंत हो सकते हैं। दस साल से कम आयु के बच्चों को इस पच्चीस मिलीग्राम की आधी टेबलेट ही काफी है।
कुछ और बातों की तरफ ध्यान दीजिएगा-
- ये दवाई तो तभी प्रभावी है अगर इसे सफर शुरू होने के आधा-पौना घंटे पहले ले लिया जाए।
- जिन लोगों को मोशन-सिकनैस की शिकायत होती हो, वो ये टेबलेट तो ले लें, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि इस को लेने से पहले पेट को परांठों से कहीं ठूंस मत लें। उन्हें तो सफर से पहले अथवा सफर में बिल्कुल हल्के फुल्के पेय-पदार्थ ( नहीं, नहीं, मैं कोल्ड-ड्रिंक्स की बात नहीं कर रहा) जैसे कि पतली लस्सी , नींबू-पानी, शर्बत, फलों का जूस इत्यादि ही लेना चाहिए....कोई एक-आध फल भी ले लें तो ठीक ही है। गलती से भी बच्चों के स्पाईसी स्नैक्स, भुजिया वगैरा न चख लें....हालत पतली से भी पतली हो जाएगी.....उसे क्या कहेंगे, पता नहीं।
- अगर आप ने यह टेबलेट यात्रा शुरू होने के बाद मतली होने पर ली है तो इस का कोई इफैक्ट होता नहीं है।
- वैसे तो दोस्तो इस बात का मोशन-सिकनैस से कोई सीधा संबंध है नहीं, लेकिन शायद मनोवैज्ञानिक रूप में ही सही, कुछ तो जरूर लगता है ......यात्रा से पहले अपना पेट साफ़ होने देना चाहिए।
दोस्तो, परसों शाम को जब मैं भी बस की एक घंटे की यात्रा के दौरान सोनीपत जा रहा था, तो भरी बस में जब मैंने धुएं की छल्ले देखे तो मुझे पता लग गया कि आज मेरी खैर नहीं। कंडैक्टर को कहा कि यार, बंद करवाओ न ये बीड़ी......उस बेचारे ने भी अपनी लाचारी व्यक्त करते हुए यह कह दिया कि क्या करें, ये नहीं मानते, मैं तो खुद बीड़ी नहीं पीता, लेकिन क्या करें। खैर, अभी यह बात खत्म ही हुई होगी कि मेरा उल्टियों का सिलसिला शुरू हो गया......पर जब मैं दरवाजा खोल कर अपने आप को हल्का करने की कोशिश कर रहा था,तो कंडैक्टर ने एक मिनट के लिए बस रूकवा दी।
और, मैने एक बार फिर से सबक ले लिया है कि वो प्रो-मैथाज़िन की गोलियों की एक स्ट्रिप हमेशा घर में रखनी चाहिएं....क्या पता कब जरूरत पड़ जाए। अगली बार यात्रा के दौरान आप भी ध्यान रखिएगा.....take care, please !!
अच्छी जानकारी दी है। ब्लॉग पर आप जैसे डॉक्टरों का आना बहुत अच्छा संकेत हैं। कुछ गंभीर बीमारियों के बारे में भी लिखें। मसलन अगर किसी को किडनी की बीमारी हो तो उसे कैसा diet लेना चाहिए, उसकी जीवन शैली कैसी होनी चाहिए। सीजनल बीमारियों पर भी आपके मार्गदर्शन की उम्मीद रहेगी।
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