मैं किसी भी काम के माहिरों की बहुत कद्र करता हूं और यह ज़रूरी भी है ... ये लोग अपनी सारी ज़िंदगी अपने काम में महारत हासिल करने में गुज़ार देते हैं...इसलिए जब भी वाट्सएप पर कोई भी पोस्ट किसी माहिर की शेयर की हुई मिलती है तो मैं उसे बड़ी संजीदगी से पढ़ता हूं और समझने की कोशिश करता हूं...
और अगर यह माहिर कोई डाक्टर हो और वह अपने पेशे से जुड़ी कोई बड़ी अहम् बात शेयर कर रहा हो तो बात ही क्या है! यकीन मानिए देखने में आप को वह बात बिल्कुल छोटी लगेगी लेकिन उस का हमारी सेहत पर बहुत बड़ा प्रभाव होता है ...
चुटकुले, मज़ाक, व्यंग्य, सरकारों की नुक्ताचीनी, ट्रोल ....इन सब से अलग कुछ समय संजीदा किस्म की बातें भी पढ़ने समझने में बिताना ठीक होता है ...
मैंने अभी अभी वाट्सएप पर देखा कि हमारे अपने डीएवी स्कूल के ग्रुप में हमारे एक प्रिय साथी डा चावला ने एक पोस्ट शेयर की है ...यह एक अनुभवी सर्जन हैं...और जब मैंने उसे देखा तो यही सोचा कि इतनी अहम बात तो आगे भी ज़्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करनी चाहिए... ये माहिर लोग दिन भर पेट की तकलीफ़ों से जूझ रहे परेशान लोगों को देखते हैं...वही मस्से, कब्ज, भगंदर, नासूर, फिस्चुला ....इसलिए अगर एक सर्जन की तरफ़ से ऐसी हिदायत आई है कि जैसे हम लोग पहले नीचे बैठ कर शौच किया करते थे वही तरीका बिल्कुल सही था ....तो यह बात मानने में ही हमारी भलाई है ..
इस वीडियो को मैं यहां एम्बैड भी कर रहा हूं .... आप देखिए कि किस तरह से इंगलिश टॉयलेट पर बैठने से हमारी आंतड़ियों की सफाई में रूकावट पैदा होती है ... और फिर हम तरह तरह की तकलीफ़ों से रूबरु होने लगते हैं....
और हां, इंगलिश टॉयलेट ही है अगर घर में या किसी कारणवश आप नीचे बैठ ही नहीं पाते हैं तो आप अपने पैरों के नीचे एक स्टूल रख सकते हैं जैसा कि इस वीडियो में दिखाया गया है ...
मैं तो इसे आज से ही लागू करने का मन बना लिया है ....आप देखिए, एक तो हमारा बैठने का तरीका सही नहीं, ऊपर से हाथ से मोबाईल या बुरी खब़रों से ठूंसा हुई अखबार ....फिर हम कहते हैं कि पेट अच्छे से साफ़ नहीं होता ... आप खुद ही समझदार हैं....अपनी सेहत से जुड़े फ़ैसले आपने खुद ही करने होते हैं...
मुझे ध्यान आ रहा है कि मैंने भी कुछ महीने पहले एक पोस्ट लिखी थी टॉयलेट में साफ़-सफ़ाई के बारे में ...उस का लिंक भी यहां लगा रहा हूं, देखिएगा....
धोना या पोंछना --हिंदोस्तानी ठीक ठाक कर लेते हैं (इस पर क्लिक कर के इसे पढ़ सकते हैं)
जाते जाते ध्यान आ रहा है कि बहुत से मैडिकल विशेषज्ञ तो कुछ बोलते ही नहीं सोशल मीडिया पर ....और जो कुछ कहते हैं कम से कम उन की बातों को ही हम पकड़ लिया करें....शुक्रिया डा चावला ...आप की इस वीडियो से बहुत लोगों को फ़ायदा होगा...
लिखते लिखते पैडमैन फिल्म का ध्यान आ रहा है ....अभी तक देखी नहीं वह फिल्म तो देखिए...
और अगर यह माहिर कोई डाक्टर हो और वह अपने पेशे से जुड़ी कोई बड़ी अहम् बात शेयर कर रहा हो तो बात ही क्या है! यकीन मानिए देखने में आप को वह बात बिल्कुल छोटी लगेगी लेकिन उस का हमारी सेहत पर बहुत बड़ा प्रभाव होता है ...
चुटकुले, मज़ाक, व्यंग्य, सरकारों की नुक्ताचीनी, ट्रोल ....इन सब से अलग कुछ समय संजीदा किस्म की बातें भी पढ़ने समझने में बिताना ठीक होता है ...
मैंने अभी अभी वाट्सएप पर देखा कि हमारे अपने डीएवी स्कूल के ग्रुप में हमारे एक प्रिय साथी डा चावला ने एक पोस्ट शेयर की है ...यह एक अनुभवी सर्जन हैं...और जब मैंने उसे देखा तो यही सोचा कि इतनी अहम बात तो आगे भी ज़्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करनी चाहिए... ये माहिर लोग दिन भर पेट की तकलीफ़ों से जूझ रहे परेशान लोगों को देखते हैं...वही मस्से, कब्ज, भगंदर, नासूर, फिस्चुला ....इसलिए अगर एक सर्जन की तरफ़ से ऐसी हिदायत आई है कि जैसे हम लोग पहले नीचे बैठ कर शौच किया करते थे वही तरीका बिल्कुल सही था ....तो यह बात मानने में ही हमारी भलाई है ..
इस वीडियो को मैं यहां एम्बैड भी कर रहा हूं .... आप देखिए कि किस तरह से इंगलिश टॉयलेट पर बैठने से हमारी आंतड़ियों की सफाई में रूकावट पैदा होती है ... और फिर हम तरह तरह की तकलीफ़ों से रूबरु होने लगते हैं....
और हां, इंगलिश टॉयलेट ही है अगर घर में या किसी कारणवश आप नीचे बैठ ही नहीं पाते हैं तो आप अपने पैरों के नीचे एक स्टूल रख सकते हैं जैसा कि इस वीडियो में दिखाया गया है ...
मैं तो इसे आज से ही लागू करने का मन बना लिया है ....आप देखिए, एक तो हमारा बैठने का तरीका सही नहीं, ऊपर से हाथ से मोबाईल या बुरी खब़रों से ठूंसा हुई अखबार ....फिर हम कहते हैं कि पेट अच्छे से साफ़ नहीं होता ... आप खुद ही समझदार हैं....अपनी सेहत से जुड़े फ़ैसले आपने खुद ही करने होते हैं...
मुझे ध्यान आ रहा है कि मैंने भी कुछ महीने पहले एक पोस्ट लिखी थी टॉयलेट में साफ़-सफ़ाई के बारे में ...उस का लिंक भी यहां लगा रहा हूं, देखिएगा....
धोना या पोंछना --हिंदोस्तानी ठीक ठाक कर लेते हैं (इस पर क्लिक कर के इसे पढ़ सकते हैं)
जाते जाते ध्यान आ रहा है कि बहुत से मैडिकल विशेषज्ञ तो कुछ बोलते ही नहीं सोशल मीडिया पर ....और जो कुछ कहते हैं कम से कम उन की बातों को ही हम पकड़ लिया करें....शुक्रिया डा चावला ...आप की इस वीडियो से बहुत लोगों को फ़ायदा होगा...
लिखते लिखते पैडमैन फिल्म का ध्यान आ रहा है ....अभी तक देखी नहीं वह फिल्म तो देखिए...