दांत जो पहले से सटे हों अगर उन में गैप आने लगे या फिर जिन दांतों में शुरू से ही थोड़ा गैप था..लेकिन अब वह गैप बढ़ने लगे तो इसे लाइटली न लिया जाए।
कईं बार केवल यह ही पायरिया जैसे रोग का महत्वपूर्ण लक्षण होता है ..
उदाहरण के लिये देखिए..यह दांतों की तस्वीर एक २८ साल के करीब लडकी की है ..इसे और कोई तकलीफ़ नहीं..लेिकन इस की शिकायत है कि इस के दांतों में पहले बिल्कुल थोड़ा गैप था, लेिकन पिछले कुछ महीनों में यह गैप बढ़ता ही जा रहा है..
इतनी कम उम्र में अगर कोई इस तरह की शिकायत करता है तो पायरिया जैसे रोग का लक्षण हो सकता है ...इस लड़की को और कोई परेशानी नहीं थी...न मसूड़ों से खून बहना, न किसी तरह की सूजन ..कुछ नहीं...ओपीजी एक्स-रे करवाया गया तो इस बात की पुष्टि हुई कि पायरिया रोग ही है ...जिस का समुचित इलाज है ...
यह एक अलग तरह की मसूड़ों और जबड़े की हड्डी की बीमारी होती है जिस में हड्डी नष्ट होने लगती है ...जिस की वजह से दांतों को अपनी जगह से हिलने के लिए जगह मिल जाती है...जैसा कि आप इस एक्स-रे में भी देख सकते हैं..
इस के मसूड़ों का पूरा इलाज किया जायेगा ..लगभग एक महीना लग जायेगा..उस के बाद भी यह तो सुनिश्चित किया जा सकता है कि आगे से ये गैप बढ़ें नहीं..लेकिन पहले से हो चुके गैप को केवल मसूड़ों के इलाज से ठीक नहीं किया जा सकता..
उस के लिए इन खाली जगहों (गैप) के बीच कुछ ऐसा दांत के कलर का मैटीरियल लगा दिया जाता है ...प्रश्न अब यह आप कर सकते हैं कि अगर यही करना है तो फिर मसूड़ों के इलाज का क्या फायदा! -- हां, उस का फायदा यह कि बीमारी आगे पनपने से रुक जाती है ...
हां, मैंने कहा कि पायरिया के आगे बढ़ने पर दांतों को इधर उधर खिसकने की जगह मिल जाती है जैसे कि ऊपर २८ वर्ष की युवती के दांतों में आपने देखा ..और एक्सरे न कंफर्म भी कर दिया...और ऐसा भी हो सकता है कि दांतों को खिसकने के लिए जगह ही न मिले और वे एक दूसरे के ऊपर चढ़ने लगें..जैसा कि आप इस लगभग ५०-५५ साल की महिला के दांतों की तस्वीरों में देख सकते हैं...इस महिला में वैसे तो पायरिया के सभी लक्षण थे, साथ में उस की शिकायत यह भी थी कि कुछ महीनों से दांतों के ऊपर दांत चढ़ने लगे हैं...
पोस्ट का बस एक छोटा सा उद्देश्य है कि दांतों में होने वाले गैप को लाइटली न लीजिए...तुरंत अपने दंत चिकित्सक से मिलिए ...और समुचित इलाज करवाईए...एक बात और भी है कि नियमित दांतों के परीक्षण के लिए जाते रहें...
कईं बार केवल यह ही पायरिया जैसे रोग का महत्वपूर्ण लक्षण होता है ..
उदाहरण के लिये देखिए..यह दांतों की तस्वीर एक २८ साल के करीब लडकी की है ..इसे और कोई तकलीफ़ नहीं..लेिकन इस की शिकायत है कि इस के दांतों में पहले बिल्कुल थोड़ा गैप था, लेिकन पिछले कुछ महीनों में यह गैप बढ़ता ही जा रहा है..
इतनी कम उम्र में अगर कोई इस तरह की शिकायत करता है तो पायरिया जैसे रोग का लक्षण हो सकता है ...इस लड़की को और कोई परेशानी नहीं थी...न मसूड़ों से खून बहना, न किसी तरह की सूजन ..कुछ नहीं...ओपीजी एक्स-रे करवाया गया तो इस बात की पुष्टि हुई कि पायरिया रोग ही है ...जिस का समुचित इलाज है ...
यह एक अलग तरह की मसूड़ों और जबड़े की हड्डी की बीमारी होती है जिस में हड्डी नष्ट होने लगती है ...जिस की वजह से दांतों को अपनी जगह से हिलने के लिए जगह मिल जाती है...जैसा कि आप इस एक्स-रे में भी देख सकते हैं..
इसे ओपीजी एक्सरे कहते हैं इस में सभी दांत एक ही फिल्म में आ जाते हैं |
इस के मसूड़ों का पूरा इलाज किया जायेगा ..लगभग एक महीना लग जायेगा..उस के बाद भी यह तो सुनिश्चित किया जा सकता है कि आगे से ये गैप बढ़ें नहीं..लेकिन पहले से हो चुके गैप को केवल मसूड़ों के इलाज से ठीक नहीं किया जा सकता..
उस के लिए इन खाली जगहों (गैप) के बीच कुछ ऐसा दांत के कलर का मैटीरियल लगा दिया जाता है ...प्रश्न अब यह आप कर सकते हैं कि अगर यही करना है तो फिर मसूड़ों के इलाज का क्या फायदा! -- हां, उस का फायदा यह कि बीमारी आगे पनपने से रुक जाती है ...
हां, मैंने कहा कि पायरिया के आगे बढ़ने पर दांतों को इधर उधर खिसकने की जगह मिल जाती है जैसे कि ऊपर २८ वर्ष की युवती के दांतों में आपने देखा ..और एक्सरे न कंफर्म भी कर दिया...और ऐसा भी हो सकता है कि दांतों को खिसकने के लिए जगह ही न मिले और वे एक दूसरे के ऊपर चढ़ने लगें..जैसा कि आप इस लगभग ५०-५५ साल की महिला के दांतों की तस्वीरों में देख सकते हैं...इस महिला में वैसे तो पायरिया के सभी लक्षण थे, साथ में उस की शिकायत यह भी थी कि कुछ महीनों से दांतों के ऊपर दांत चढ़ने लगे हैं...
पोस्ट का बस एक छोटा सा उद्देश्य है कि दांतों में होने वाले गैप को लाइटली न लीजिए...तुरंत अपने दंत चिकित्सक से मिलिए ...और समुचित इलाज करवाईए...एक बात और भी है कि नियमित दांतों के परीक्षण के लिए जाते रहें...