खबर आज की हिन्दुस्तान में प्रकाशित हुई है। कुछ बहुत ही प्रसिद्ध बेकरियों से सेंपल लिए गये थे....क्रिसमिस से दो दिन पहले। इन की जांच रिपोर्ट हो गई है।
राजधानी की कई नामी गिरामी बेकरियों में केक, पेस्ट्री व अन्य उत्पादों पर लगने वाली क्रीम में बड़ा खेल हो रहा है। बेकरियों में दूध क्रीम की जगह वनस्पति क्रीम का प्रयोग हो रहा है।
इस तरह से बेकरियां उपभोक्ताओं की जेब पर हाथ साफ करने के साथ ही उन की सेहत से भी खिलवाड़ कर रही हैं।
खाद्य आयुक्त के निर्देश पर क्रिसमस से पहले २२ दिसंबर को शहर की चार बेकरियों से केक, पेस्ट्री के ऊपर लगाने वाली क्रीम (टॉपिंग), चाकलेट, पनीर व बेकरी उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले रंग के नमूने लिये गये थे।
रिपोर्ट में क्रीम, चाकलेट व पनीर के नमूने फेल हुए उनमें गुड बेकरी, मिस्टर ब्राउन बेकरी, ए-वन बेकरी और जे जे बेकर्स शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार केसरबाग स्थित गुड बेकरी से लिए गए नॉन डेयरी टॉपिंग क्रीम चाकलेट व इसी तरह के क्रीम के दो नमूने मानक पर खरे नहीं उतरे। क्रीम में वनस्पति चिकनाई (वेजीटेबल फैट) पाया गया है। अलीगंज स्थित मिस्टर ब्राउन बेकरी के चाकलेट के नमूने में वनस्पति फैट के साथ ही स्टार्च (माड़) मिला। कुर्सी रोड स्थित ए-वन बेकरी से लिए गए पनीर व नॉन डेरी क्रीम के नमूने भी फेल हो गए।
इस तरह की खबरें देख सुन कर यही लगता है कि मिलावट करने वाले कुछ चीज़ों को छोड़ेंगे भी कि नहीं, या फिर हमें ही एक एक कर के इन सब उत्पादों को भी त्याग देना होगा। यह सब कुछ पढ़ कर बहुत सिर दुःखता है कि अपने मुनाफ़े के लिए ये दुकानदार किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं।
अफ़सोसजनक.........देखना दोस्तो जितना हो सके, बच लेना, ये मिलावटखोर तो हमें बीमार....बहुत बीमार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।