मेरे पास जब कोई सड़क छाप डैंटिस्ट से कोई काम करवा के आता है .. तो मुझे बहुत गुस्सा आता इस लिए है कि उस के किए हुए काम को अन-डू करने के चक्कर में कईं बार मेरे इंस्टर्यूमैंट्स मुड़-वुड़ जाते हैं. लेकिन उसे कैसे भी अन-डू करना ज़रूरी होता है क्योंकि वे मरीज़ के मुंह के साथ बिल्कुल कसाई जैसे पेश आते हैं।
बहुत बार इस समस्या के बारे में लिख भी चुका हूं --लेकिन फिर भी झुंझलाहट तो होती ही थी कि क्या, यार, हम लोग अभी तक इन नीम-हकीमों और सड़क छाप डाक्टरों, हकीमों और दंदान-साज़ों से लोगों को निजात नहीं दिला सके। शायद कागज़ों में पूरी कार्यवाही होती रहती है लेकिन ये सब खुराफ़ाती लोग समाज की सेहत को बिगाड़ने--- बहुत ज़्यादा बिगाड़ने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते।
मैं सोचा करता था कि यह नीम-हकीम और इन के चक्कर में हमारी जनता ही पड़ती है. नहीं, लेकिन मुझे कल एक रिपोर्ट पढ़ कर यह पता चला कि अमेरिका जैसे विकसित देश में भी लोग इस तरह के चक्करों में पड़ कर अपनी सेहत खराब क्या, जान तक गंवा बैठते हैं। और वह भी किस तरह के काम के लिए, आप भी जानेंगे तो दंग रह जाएंगे?
वैसे तो शरीर का शायद ही कोई अंग है जो ठीक नहीं किया जा सकता हो, हर तरह की प्लास्टिक सर्जरी हो रही है, बडे़ शहरों की अखबारों में शादी से पहले युवतियों को अपने निजी अगों को दुरूस्त करवाने तक की सलाह दी जा रही है। लेकिन यह जो अमेरिकी महिलाओं में आज कल नितंबों को बड़ा, सुढौल करवाने का क्रेज़ है ...या फितूर है.....इस के बारे में मैंने कल पहली बार पढ़ा, इसलिए आप के साथ शेयर करना चाहा।
अच्छा तो बात यूं है कि अमेरिकी महिलाओं को लगता है कि जिन महिलाओं के नितंब बड़े, सुढौल और सैक्सी होते हैं, उन्हें हर जगह फायदा रहता है, नौकरी में भी, समाज में भी.....हर जगह वे लोगों को मोह लेती हैं, यह कथन मेरा नहीं, नीचे दिए गए लिंक में लिखा है यह सब कुछ।
नितंबों को बढ़ाने और सुढौल बनाने के लिए करवाई जाने वाली प्लास्टिक सर्जरी एक महंगा झंझट है---हज़ारों पाउंड उस पर खर्च होते हैं अगर यह सर्जरी किसी अच्छे प्लास्टिक सर्जन से करवाई जाती है।
लेिकन जैसा कि होता है, महंगे इलाज के बहुत से सस्ते विक्लप भी दिखने लगते हैं। ऐसा ही इस काम के लिए भी हुआ। कुछ महिलाओं की आपबीती भी आप इस लिंक पर पढ़ सकते हैं कि किस तरह से ऑनलाइन उन की किसी डाक्टरनुमा इंसान से मुलाकात हुई, वह उन के घर पर आकर प्लास्टिक के सिरिंज से उन के नितंबों में कुछ इंजैक्शन ठोक गया। ज़ाहिर सी बात है यह सब बहुत ही सस्ता विक्लप था।
कुछ दिन तो इन महिलाओं को लगा कि सब कुछ सुढौल हो गया है, लेकिन जल्द ही उन्हें एमरजैंसी विभागों में दाखिल किया जाने लगा....क्योंकि वे अमेिरकी झोलाछाप इंजैक्शन के नाम पर विभिन्न तरह के खतरनाक पदार्थ... सीमैंट, सुपर-ग्लियू (गोंद) , टायरों के सिलेंट तक के टीके लगा देते थे। एक महिला को तो इन सब के चक्कर में जान ही गंवानी पड़ी। और बहुत लोगों को तो सर्जरी से वह सब कचरा अपने नितंबों से निकलवाना पड़ा। एक ऐसी ही करैक्टिव सर्जरी वाले डाक्टर ने तो वे सब सामान इक्ट्ठा कर के रखे हैं जो वह इस तरह के इलाज की शिकार महिलाओं के नितंबों से निकाल चुका है।
महिलाओं को जागरूक तो वहां बहुत किया जा रहा है..ठीक है, अगर इस तरह के इलाज से उन की जान बच भी जाती है तो उन के नितंबों का, उस एरिया की चमड़ी का इतना बुरा हाल हो जाता है, झुलस जाता है सब कुछ कि वे बिना सहायता से उठ-बैठ भी नहीं पाती हैं।
इस रिपोर्ट से ही पता चला कि महिलाओं इस तरह का काम करवाने के लिए झिझक सी महसूस करती हैं, इसलिए अंडरग्राउंड होने वाले इन गोरखधंधों के चक्कर में पड़ कर अच्छी भली सेहत खराब कर लेती हैं।
दुनिया अजीब है ना, कहीं पर तो नितंबों को बड़ा, सुढौल करने के लिए ये खतरनाक उपाय किए जा रहे हैं और कईं जगहों पर इन्हीं पर चढ़ी चर्बी को उतरवाने के लिए लाइपोसक्शन आप्रेशन करवाए जा रहे हैं।
आप को क्या लगता है कि यह फितूर कहीं अपने यहां भी न आ जाए, क्या पता बड़े शहरों में आ ही चुका हो, यहां पर सब कुछ गुप-चुप चलता रहता है। लेकिन मुझे लगता है कि अपुन के देश में लोगों को इस काम के लिए विभिन्न प्रकार के टीके चुभवाने की ज़रूरत न पड़ेगी............अपना खानपान, अपना देसी घी प्रेम, अपना जंक-फूड, कोल्ड-ड्रिंक मोह जिंदाबाद.........ये सब कितनी सहजता से वही काम कर देते हैं, न किसी नीम-हकीम के चक्कर में पड़ने का झंझट और न ही कोई एक्सट्रा खर्च।
Idea -- Illegal botton injections on rise in US
बहुत बार इस समस्या के बारे में लिख भी चुका हूं --लेकिन फिर भी झुंझलाहट तो होती ही थी कि क्या, यार, हम लोग अभी तक इन नीम-हकीमों और सड़क छाप डाक्टरों, हकीमों और दंदान-साज़ों से लोगों को निजात नहीं दिला सके। शायद कागज़ों में पूरी कार्यवाही होती रहती है लेकिन ये सब खुराफ़ाती लोग समाज की सेहत को बिगाड़ने--- बहुत ज़्यादा बिगाड़ने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते।
मैं सोचा करता था कि यह नीम-हकीम और इन के चक्कर में हमारी जनता ही पड़ती है. नहीं, लेकिन मुझे कल एक रिपोर्ट पढ़ कर यह पता चला कि अमेरिका जैसे विकसित देश में भी लोग इस तरह के चक्करों में पड़ कर अपनी सेहत खराब क्या, जान तक गंवा बैठते हैं। और वह भी किस तरह के काम के लिए, आप भी जानेंगे तो दंग रह जाएंगे?
वैसे तो शरीर का शायद ही कोई अंग है जो ठीक नहीं किया जा सकता हो, हर तरह की प्लास्टिक सर्जरी हो रही है, बडे़ शहरों की अखबारों में शादी से पहले युवतियों को अपने निजी अगों को दुरूस्त करवाने तक की सलाह दी जा रही है। लेकिन यह जो अमेरिकी महिलाओं में आज कल नितंबों को बड़ा, सुढौल करवाने का क्रेज़ है ...या फितूर है.....इस के बारे में मैंने कल पहली बार पढ़ा, इसलिए आप के साथ शेयर करना चाहा।
अच्छा तो बात यूं है कि अमेरिकी महिलाओं को लगता है कि जिन महिलाओं के नितंब बड़े, सुढौल और सैक्सी होते हैं, उन्हें हर जगह फायदा रहता है, नौकरी में भी, समाज में भी.....हर जगह वे लोगों को मोह लेती हैं, यह कथन मेरा नहीं, नीचे दिए गए लिंक में लिखा है यह सब कुछ।
नितंबों को बढ़ाने और सुढौल बनाने के लिए करवाई जाने वाली प्लास्टिक सर्जरी एक महंगा झंझट है---हज़ारों पाउंड उस पर खर्च होते हैं अगर यह सर्जरी किसी अच्छे प्लास्टिक सर्जन से करवाई जाती है।
लेिकन जैसा कि होता है, महंगे इलाज के बहुत से सस्ते विक्लप भी दिखने लगते हैं। ऐसा ही इस काम के लिए भी हुआ। कुछ महिलाओं की आपबीती भी आप इस लिंक पर पढ़ सकते हैं कि किस तरह से ऑनलाइन उन की किसी डाक्टरनुमा इंसान से मुलाकात हुई, वह उन के घर पर आकर प्लास्टिक के सिरिंज से उन के नितंबों में कुछ इंजैक्शन ठोक गया। ज़ाहिर सी बात है यह सब बहुत ही सस्ता विक्लप था।
कुछ दिन तो इन महिलाओं को लगा कि सब कुछ सुढौल हो गया है, लेकिन जल्द ही उन्हें एमरजैंसी विभागों में दाखिल किया जाने लगा....क्योंकि वे अमेिरकी झोलाछाप इंजैक्शन के नाम पर विभिन्न तरह के खतरनाक पदार्थ... सीमैंट, सुपर-ग्लियू (गोंद) , टायरों के सिलेंट तक के टीके लगा देते थे। एक महिला को तो इन सब के चक्कर में जान ही गंवानी पड़ी। और बहुत लोगों को तो सर्जरी से वह सब कचरा अपने नितंबों से निकलवाना पड़ा। एक ऐसी ही करैक्टिव सर्जरी वाले डाक्टर ने तो वे सब सामान इक्ट्ठा कर के रखे हैं जो वह इस तरह के इलाज की शिकार महिलाओं के नितंबों से निकाल चुका है।
महिलाओं को जागरूक तो वहां बहुत किया जा रहा है..ठीक है, अगर इस तरह के इलाज से उन की जान बच भी जाती है तो उन के नितंबों का, उस एरिया की चमड़ी का इतना बुरा हाल हो जाता है, झुलस जाता है सब कुछ कि वे बिना सहायता से उठ-बैठ भी नहीं पाती हैं।
इस रिपोर्ट से ही पता चला कि महिलाओं इस तरह का काम करवाने के लिए झिझक सी महसूस करती हैं, इसलिए अंडरग्राउंड होने वाले इन गोरखधंधों के चक्कर में पड़ कर अच्छी भली सेहत खराब कर लेती हैं।
दुनिया अजीब है ना, कहीं पर तो नितंबों को बड़ा, सुढौल करने के लिए ये खतरनाक उपाय किए जा रहे हैं और कईं जगहों पर इन्हीं पर चढ़ी चर्बी को उतरवाने के लिए लाइपोसक्शन आप्रेशन करवाए जा रहे हैं।
आप को क्या लगता है कि यह फितूर कहीं अपने यहां भी न आ जाए, क्या पता बड़े शहरों में आ ही चुका हो, यहां पर सब कुछ गुप-चुप चलता रहता है। लेकिन मुझे लगता है कि अपुन के देश में लोगों को इस काम के लिए विभिन्न प्रकार के टीके चुभवाने की ज़रूरत न पड़ेगी............अपना खानपान, अपना देसी घी प्रेम, अपना जंक-फूड, कोल्ड-ड्रिंक मोह जिंदाबाद.........ये सब कितनी सहजता से वही काम कर देते हैं, न किसी नीम-हकीम के चक्कर में पड़ने का झंझट और न ही कोई एक्सट्रा खर्च।
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