इस वीडियों में आप देख सकते हैं कि हमारे गुर्दे काम कैसे करते हैं --- मैंने हिंदी भाषा का सहारा लेकर इसे थोड़ा आसान सा करना चाहा है।
यूरिनरी ट्रैक्ट में हमारे गुर्दे, यूरेटर्ज़, ब्लैडर एवं यूरैथरा शामिल हैं। हरेक गुर्दे में मूत्र बाहरी कोरटैक्स से अंदरूनी मैडुला की तरफ़ आता है। और रिनल पैल्विस(renal pelvis) एक फनल का काम करती है जिस से होकर मूत्र गुर्दे से निकल कर यूरेटर में बह जाता है।
गुर्दे से गुज़रते गुज़रते यूरिन अच्छा खासा कंसैनट्रेट्ड हो जाता है। और जब यह कुछ ज़्यादा ही कंसैनट्रेटैड हो जाता है तो कैल्शीयम, यूरिक एसिड साल्ट और अन्य कैमीकल जो कि मूत्र में मिले रहते हैं वे क्रिस्टैलाइज़ होना शुरू कर देते हैं जिस से गुर्दे में पत्थरी बन जाती है --- kidney stone(renal calculus).
आम तौर पर यह पत्थरी एक छोटे से कंकर के आकार की होती है लेकिन यूरेटर्ज़ की बनावट ऐसी होती है कि जब पत्थरी के कारण इन में खिंचाव आता है तो बहुत ज़्यादा दर्द होने लगता है। आम तौर पर लोगों को तब तक पता ही नहीं होता कि उन के गुर्दे में पत्थरी है जब तक कि उन्हें इस तरह का दर्द नहीं सताता। खुशकिस्मती यह है कि चोटे पत्थर गुर्दे से और आगे यूरेटर्ज़ से होकर अपने आप बिना किसी तकलीफ़ के बाहर निकल जाते हैं।
लेकिन यह बात तो है कि कईं बार इस पत्थरी की वजह से तब बहुत दिक्कत हो जाती है जब ये मूत्र के बहने में ही रूकावट पैदा कर देते हैं।
PS....कभी कभी जब मुझे इस तरह से थोड़ी अंग्रेज़ी को सरल अनुवाद कर के हिंदी में लिखना होता है तो मेरी खाट खड़ी हो जाती है और फिर मुझे लगने लगता है कि बेपरवाह हो कर लिखना बिलकुल बेपरवाह बहती जलधारा के समान है और इस तरह से अनुवाद कितना कठिन, दुर्गम, उबाऊ और थकाने वाला काम है, बहरहाल आज तो कर दिया है, फुर्सत हो तो ऊपर जिस वीडियो का लिंक मैंने दिया है उसे ज़रूर देखें। शायद इस के लिये आप को प्लग-इन इंस्टाल करने की ज़रूरत होगी जो उसी पेज़ पर दिये गये लिंक से आसानी से हो सकती है। और मैडलाइन-न्यूज़ की साइट ऐसी बीसियों वीडियो पड़ी हैं जिन के द्वारा आप अपने शरीर की कार्य-प्रणाली के बारे मे जानकारी हासिल कर सकते हैं।
यूरिनरी ट्रैक्ट में हमारे गुर्दे, यूरेटर्ज़, ब्लैडर एवं यूरैथरा शामिल हैं। हरेक गुर्दे में मूत्र बाहरी कोरटैक्स से अंदरूनी मैडुला की तरफ़ आता है। और रिनल पैल्विस(renal pelvis) एक फनल का काम करती है जिस से होकर मूत्र गुर्दे से निकल कर यूरेटर में बह जाता है।
गुर्दे से गुज़रते गुज़रते यूरिन अच्छा खासा कंसैनट्रेट्ड हो जाता है। और जब यह कुछ ज़्यादा ही कंसैनट्रेटैड हो जाता है तो कैल्शीयम, यूरिक एसिड साल्ट और अन्य कैमीकल जो कि मूत्र में मिले रहते हैं वे क्रिस्टैलाइज़ होना शुरू कर देते हैं जिस से गुर्दे में पत्थरी बन जाती है --- kidney stone(renal calculus).
आम तौर पर यह पत्थरी एक छोटे से कंकर के आकार की होती है लेकिन यूरेटर्ज़ की बनावट ऐसी होती है कि जब पत्थरी के कारण इन में खिंचाव आता है तो बहुत ज़्यादा दर्द होने लगता है। आम तौर पर लोगों को तब तक पता ही नहीं होता कि उन के गुर्दे में पत्थरी है जब तक कि उन्हें इस तरह का दर्द नहीं सताता। खुशकिस्मती यह है कि चोटे पत्थर गुर्दे से और आगे यूरेटर्ज़ से होकर अपने आप बिना किसी तकलीफ़ के बाहर निकल जाते हैं।
लेकिन यह बात तो है कि कईं बार इस पत्थरी की वजह से तब बहुत दिक्कत हो जाती है जब ये मूत्र के बहने में ही रूकावट पैदा कर देते हैं।
PS....कभी कभी जब मुझे इस तरह से थोड़ी अंग्रेज़ी को सरल अनुवाद कर के हिंदी में लिखना होता है तो मेरी खाट खड़ी हो जाती है और फिर मुझे लगने लगता है कि बेपरवाह हो कर लिखना बिलकुल बेपरवाह बहती जलधारा के समान है और इस तरह से अनुवाद कितना कठिन, दुर्गम, उबाऊ और थकाने वाला काम है, बहरहाल आज तो कर दिया है, फुर्सत हो तो ऊपर जिस वीडियो का लिंक मैंने दिया है उसे ज़रूर देखें। शायद इस के लिये आप को प्लग-इन इंस्टाल करने की ज़रूरत होगी जो उसी पेज़ पर दिये गये लिंक से आसानी से हो सकती है। और मैडलाइन-न्यूज़ की साइट ऐसी बीसियों वीडियो पड़ी हैं जिन के द्वारा आप अपने शरीर की कार्य-प्रणाली के बारे मे जानकारी हासिल कर सकते हैं।