काफी समय से यह खबरें तो सुनने में आ ही रही हैं कि कुछ हर्बल दवाईयों में, या कुछ देसी दवाईयों में एलोपैथिक दवाईयों को डाल दिया जाता है जिस के बारे में पब्लिक को कुछ बताया नहीं जाता। इस का परिणाम यह होता है कि उस दवाई से कुछ अप्रत्याशित परिणाम निकलने से लोगों को नुकसान हो जाता है। इस पर मैंने पहले भी बहुत से लेख लिखे हैं।
अभी मैं बीबीसी की साइट पर यह न्यूज़-स्टोरी देख रहा था कि किस तरह से यूरोपीयन देशों में हर्बल दवाईयों पर शिकंजा कसा जा रहा है। अनेकों दवाईयां ऐसी बिक रही हैं जिन की प्रामाणिकता, जिन की सेफ्टी प्रोफाइल के बारे में कुछ पता ही नहीं ...इसलिये वहां पर कानून बहुत कड़े हो गये हैं।
New EU regulations on herbal medicines come into force....(BBC Health)
लेकिन भारत में क्या है, देसी दवाईयों की तो वैसे ही भरमार है, लेकिन जगह जगह पर मोटापा कम करने वाले कैप्सूल, हर्बल दवाईयों के इश्तिहार चटका कर भोली भाली जनता को बेवकूफ़ बनाया जा रहा है।
आज सुबह मैं टीवी पर देख रहा था कि एक हर्बल चाय का विज्ञापन दिखाया जा रहा था ... दो महीने के लिये 2000 रूपये का कोर्स –मोटापा घटाने के लिये इसे रोज़ाना कईं बार पीने की सलाह दी जा रही थी। और विज्ञापन इतना लुभावना की मोटापे से परेशान कोई भी शख्स कर्ज़ लेकर भी इस खरीदने के लिये तैयार हो जाये।
मैं उस विज्ञापन को देखता रहा –बाद में जब उस में मौजूद पदार्थों की बात आई तो बहुत बढ़िया बढ़िया नाम गिना दिये गये ..जिन्हें सुन कर कोई भी प्रभावित हो जाए... और साथ में इस चाय में चीनी हर्बल औषधियों के डाले जाने की भी बात कही गई।
इस तरह के हर्बल प्रोडक्ट्स से अगर विकसित देशों के पढ़े लिखे लोग बच नही पाये तो इस देश में किसी को कुछ भी बेचना क्या मुश्किल काम है?
वजन कम करने वाली दवाईयों के बारे में चेतावनी
बात केवल इतनी सोचने वाली है कि ऐसा क्या फार्मूला कंपनियों के हाथ लग गया कि इन्होंने एक चाय ही ऐसा बना डाली जिस से इतना वज़न कम हो जाता हो......मेरी खोजी पत्रकार जैसी सोच तो यही कहती है कि कुछ न कुछ तो लफड़ा तो होता ही होगा.....अगर सब कुछ हर्बल-वर्बल ही है तो इस देश में इतने महान् आयुर्वैदिक विशेषज्ञ हैं, वे क्यों इन के बारे में नहीं बोलते ....क्यों यह फार्मूला अभी तक रहस्य ही बना हुआ है?
पीछे भी कुछ रिपोर्टें आईं थीं कि मोटापे कम करने वाले कुछ उत्पादों में कुछ ऐसी एलोपैथिक दवाईयों की मिलावट पाई गई जिस से भयंकर शारीरिक परेशानियां इन्हें खाने वालों में हो गईं........तो फिर इस से सीख यही लें कि ऐसे ही हर्बल वर्बल का लेबल देख कर किसी तरह के झांसे में आने से पहले कम से कम किसी की सलाह ले लें, और अगर हो सके तो ऐसी हर्बल दवाई की लैब में जांच करवा लें, लेकिन क्या ऐसी जांच वांच करवाना सब के वश की बात है!!
अभी मैं बीबीसी की साइट पर यह न्यूज़-स्टोरी देख रहा था कि किस तरह से यूरोपीयन देशों में हर्बल दवाईयों पर शिकंजा कसा जा रहा है। अनेकों दवाईयां ऐसी बिक रही हैं जिन की प्रामाणिकता, जिन की सेफ्टी प्रोफाइल के बारे में कुछ पता ही नहीं ...इसलिये वहां पर कानून बहुत कड़े हो गये हैं।
New EU regulations on herbal medicines come into force....(BBC Health)
लेकिन भारत में क्या है, देसी दवाईयों की तो वैसे ही भरमार है, लेकिन जगह जगह पर मोटापा कम करने वाले कैप्सूल, हर्बल दवाईयों के इश्तिहार चटका कर भोली भाली जनता को बेवकूफ़ बनाया जा रहा है।
आज सुबह मैं टीवी पर देख रहा था कि एक हर्बल चाय का विज्ञापन दिखाया जा रहा था ... दो महीने के लिये 2000 रूपये का कोर्स –मोटापा घटाने के लिये इसे रोज़ाना कईं बार पीने की सलाह दी जा रही थी। और विज्ञापन इतना लुभावना की मोटापे से परेशान कोई भी शख्स कर्ज़ लेकर भी इस खरीदने के लिये तैयार हो जाये।
मैं उस विज्ञापन को देखता रहा –बाद में जब उस में मौजूद पदार्थों की बात आई तो बहुत बढ़िया बढ़िया नाम गिना दिये गये ..जिन्हें सुन कर कोई भी प्रभावित हो जाए... और साथ में इस चाय में चीनी हर्बल औषधियों के डाले जाने की भी बात कही गई।
इस तरह के हर्बल प्रोडक्ट्स से अगर विकसित देशों के पढ़े लिखे लोग बच नही पाये तो इस देश में किसी को कुछ भी बेचना क्या मुश्किल काम है?
वजन कम करने वाली दवाईयों के बारे में चेतावनी
बात केवल इतनी सोचने वाली है कि ऐसा क्या फार्मूला कंपनियों के हाथ लग गया कि इन्होंने एक चाय ही ऐसा बना डाली जिस से इतना वज़न कम हो जाता हो......मेरी खोजी पत्रकार जैसी सोच तो यही कहती है कि कुछ न कुछ तो लफड़ा तो होता ही होगा.....अगर सब कुछ हर्बल-वर्बल ही है तो इस देश में इतने महान् आयुर्वैदिक विशेषज्ञ हैं, वे क्यों इन के बारे में नहीं बोलते ....क्यों यह फार्मूला अभी तक रहस्य ही बना हुआ है?
पीछे भी कुछ रिपोर्टें आईं थीं कि मोटापे कम करने वाले कुछ उत्पादों में कुछ ऐसी एलोपैथिक दवाईयों की मिलावट पाई गई जिस से भयंकर शारीरिक परेशानियां इन्हें खाने वालों में हो गईं........तो फिर इस से सीख यही लें कि ऐसे ही हर्बल वर्बल का लेबल देख कर किसी तरह के झांसे में आने से पहले कम से कम किसी की सलाह ले लें, और अगर हो सके तो ऐसी हर्बल दवाई की लैब में जांच करवा लें, लेकिन क्या ऐसी जांच वांच करवाना सब के वश की बात है!!