रविवार, 14 मार्च 2010

पिचयासी किलो है तो मशीन-वाली का क्या दोष ?



यह तस्वीर देख कर यही लगता है ना कि अगर वज़न बताने वाली मशीन वज़न एक आध-किलो ऊपर नीचे बता रही है तो मशीन वाली से तकरार होने लगी है --- दो दिन पहले भी पिचयासी और आज भी उतना ही! तुम्हें पता है कि मैं पिछले तीन दिनों से कितना टहल रहा हूं। ठीक है, मुबारक है भाई तुम खूब टहले -- लेकिन यह सब इस बेचारी से कहने से क्या फायदा? और इस ने तो सुबह की चाय भी नहीं पी है। इस से क्यों खाली-पीली कहा-सुनी करने का ----ठीक है, टहले हैं तो टहलते रहिये ---आज नहीं तो कुछ दिनों में वज़न कम होने लगेगा। और हां, टहलने के साथ साथ अगर खाने पीने पर भी थोड़ा ध्यान दे दिया जाए तो कैसा रहेगा !!

कईं बार ऐसे ही टहलते टहलते कुछ ऐसा दिख जाता है कि उसे कैमरे में बंद करने की इच्छा होती है। पिछले महीने मैं एक कांफ्रैंस के सिलसिले में बाहर गया हुया था और समुद्र के किनारे पर सुबह सुबह मैंने यह तस्वीर खींची। दरअसल उन दो दिनों में मैं एक फोटोग्राफी वर्कशाप भी कर रहा था ---मुझे कुछ खास समझ में आया नहीं, क्योंकि बहुत से लोग तो अपने साथ एसएलआर कैमरा लाये हुये थे और मेरे जैसे डिजीटल कैमरा वाले चंद ही लोग थे।

यह तस्वीर चैन्ने की मैरीना बीच पर पिछले महीने एक सुबह को खींची गई है। इस महिला को इतनी सुबह सुबह वज़न करने वाली मशीन रखे देख मेरी उत्सुकता बढ़ गई। मैं दूर बैठा देख रहा था ---बहुत से लोग जो समुद्र के सुंदर किनारे पर टहलकदमी कर रहे थे वे इस महिला से वज़न भी करवा रहे थे। मैंने अपने पास बैठे एक स्थानीय सज्जन से जब पूछा तो उस ने बताया कि कुछ लोग तो सैर करने से पहले और सैर करने के बाद भी वज़न करवाते हैं--------मैं सोच रहा था कि शायद आज का वयस्त मानव वज़न कम करने का क्विक-फिक्स सोल्यूशन ढूंढ रहा है?

चलिये, जो भी है स्वास्थ्य जागरूकता देख कर अच्छा लगा--और उस से भी अच्छा यह लगा कि इस जागरूकता से एक महिला को एक अच्छा सा व्यवसाय मिला हुआ है।

10 टिप्‍पणियां:

  1. शुक्र है कि मशीन साथ ही लेकर नहीं चलते वर्ना हो सकता है कि हर 50 मीटर चलने के बाद भी वज़न करते.

    जवाब देंहटाएं
  2. सही है..कम से कम उस महिला को रोजगार मिला हुआ है.


    वजन बढ़े सालों में...लेकिन घट जाये एक दिन में क्यूँकि हम अब जागरुक हो गये हैं. :)

    जवाब देंहटाएं
  3. खूब वजन कराया। पर कोई लाभ नहीं। जब तक कराते हैं घटता रहता है। जैसे ही नहीं कराया चुपचाप बढ़ने लगता है।
    अब वजन कराना छोड़ दिया है। बढ़ता है तो बढ़ता रहे। बस अपने रोजमर्रा के कामों में तकलीफ नहीं आनी चाहिए।
    अभी तीन दिन पहले एक जूनियर कह रहा था -आज आप को क्या हो रहा है? इतनी फुर्ती से क्यों इधर उधऱ हो रहे हैं। भाई आज पच्चीस मुकदमे लगे हैं और मुंशी नहीं है। सोचता हूँ लंच ऑवर के पहले निपट लूं उस के बाद एक भारी मुकदमे में बहस करनी है। सच में मैं लंच ऑवर के पहले निपट लिया।

    जवाब देंहटाएं
  4. मेरे लिये तो यह हेरानगी की बात है कि एक घर वजन करने वाली मशीन से भी चलता है, वेसे मुझे रोजाना अपना वजन नापना ओर लिखना पडता है, कभी १००, २०० ग्राम कम तो कभी ज्यादा, अगर अपना वजन सही देखना हो तो सुबह उठते ही देखे ओर रोजाना एक ही समय देखे,
    बहुत सुंदर

    जवाब देंहटाएं
  5. डाक्टर साहब कुछ वजन बढाने के बारे में भी बताईये...हम तो पिछले कईं बरसों से रोजाना 3 टाईम वजन चैक कर रहे हैं..लेकिन हर बार उतना ही निकलता है। धर्मपत्नि कहती है कि मशीन जाम है :-)

    जवाब देंहटाएं
  6. क्या फोटो खींची सर आपने..? एक रुचिकर पोस्ट और ज्ञानवर्धक ईशारा तो उसमें छुपा ही होता है...! आभार,...!

    जवाब देंहटाएं
  7. भाई हमें तो काजलकुमार जी की बात बहुत मजेदार लगी। मजेदार बात एक और भी है कि जब हम घूमते हैं तो वजन तुलते हैं लेकिन जीमते हैं उसके बाद नहीं तुलते कि कितना बढ़ा?

    जवाब देंहटाएं

इस पोस्ट पर आप के विचार जानने का बेसब्री से इंतज़ार है ...