अरे, यार, यह क्या कर रहे हो !! -- सिलेबस से बाहर सवाल पूछने पर इतना आक्रोश ठीक नहीं लगता। सब्र रखो..क्या पता सब को ग्रेस-मार्क्स ही मिल जायें। लेकिन ऐसा ना हो कि यह तस्वीर देख कर पेपर-सैटर सिलेबस के बाहर से तो क्या सिलेबस के अंदर से भी प्रश्न पूछना भूल जाये। वैसे, एक बात तो बताओ......कहीं हल्लाबोल फिल्म कल ही तो नहीं देखी ?......जोश ही दिखाना है तो कलम से दिखाओ....आ जाओ हिंदी बलागिंग में.......बीएससी के छात्र हो तो क्या है, वह कहावत तो पढ़ी ही होगी.....Pen is mightier than the sword !!