जिस आदमी ने आदमी की बनाई चीज़ें देखीं वह आदमी कठोर हो जायेगा। जिसने परमात्मा की कोमल बनाई चीज़ें देखी वह आदमी भावनाओं की दृष्टि से सभ्य हो जायेगा। .....
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रात में क्या जाने
कोई गिनता है कि नहीं गिनता,
आसमान के तारों को यों,
कि कोई रह तो नहीं गया आने से।
प्रभात में क्या जाने कोई
सुनता है कि नहीं सुनता यों
कि रह तो नहीं गया कोई पंछी गाने से
दोपहर को कोई देखता है कि नहीं देखता
वन-भर पर दौड़ा कर आँख
कि पानी सब ने पी लिया कि नहीं।
और शाम को यह
कि जितना जिसे दिया गया था,
उतना सब ने जी लिया है कि नहीं।
I never climbed any ladder. I have achieved eminence by sheer gravitation…………………………..George Bernard Shaw
तो, दोस्तो, अगर हम सोचें तो आज का विचार हमें बहुत कुछ कह रहा है।
“Many people believe that humility is the opposite of pride, when,in fact, it is a point of equilibrium. The opposite of pride is actually a lack of self-esteem. A humble person is totally different from a person who cannot recognize and appreciate himself as part of this worlds marvels.”