शनिवार, 6 दिसंबर 2014

पाकिस्तानी टीवी पर भी सेक्स गुरू

अभी मैं बीबीसी न्यूज़ पढ़ रहा था तो मेरी नज़र पड़ गई इस न्यूज़-स्टोरी पर ---Pakistan sex taboos challenged by TV Phone-in Show. 

जब आप इस रिपोर्ट को पढ़ेगे तो शायद यह आप के लिए रोचक होगा कि पाकिस्तान जैसे देश में भी किस तरह से यह शुरूआत हो चुकी है कि टीवी प्रोग्राम के द्वारा सैक्स के बारे में पाई जाने वाली भ्रांतियों को हटाया जाए।

रिपोर्ट में साफ साफ लिखा तो है कि डाक्टर वैसे तो सटीक जानकारी देता है लेकिन बीच बीच में इधर उधर की भी हांकने लगता है। रिपोर्ट के पिछले हिस्से में किसी ने बड़ा अच्छा लिखा है कि सैक्स के विषय पर भी कहां डाक्टर खुल कर बोल सकते हैं....धार्मिक गुरूओं को भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, और बड़ी अच्छी बात यह भी लिखी है कि चर्चा करने वाले डाक्टर जिसे अपने विश्वास अथवा अपनी पृष्ठभूमि के अनुसार ठीक समझता है, वही बातें करता है, साफ़ साफ़ िलखा है कि ऐसा करने से वैज्ञानिक पक्ष कहीं पीछे छूट जाता है।

मैं इस बात से सहमत हूं......मैंने भी पांच छः महीने पहले आप का एक इंडियन सैक्स गुरू से तारूफ़ करवाया था....अगर आपने उस लेख को देखा होगा तो उसे भूल तो नहीं पाए होंगे.......अगर नहीं भी देख पाए तो अब देख सकते हैं.....चलिए मिलते हैं आज 90 वर्ष के युवा सैक्स गुरू से..  मैं समझता हूं कि इस लिंक को आप को ज़रूर देखना चाहिए।

पांच दिन पहले की ही तो बात है कि एड्स दिवस था....देश की स्थानीय भाषाओं में एक दो लेख दिखे.....मैं हैरान रह गया कि किस तरह से पहले दो चार पैराग्राफ में वे सीधा सीधा असुरक्षित संभोग की जगह गल्त काम, गलती... जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे। हैरानी नहीं कि कुछ लोग इस की जगह पर पाप कर्म का उपयोग भी करने लगें या पहले ही करते हों....

अब ज़रा उस पाकिस्तानी गुरू की बात कर लें.......मुझे ऐसा लग रहा है कि यह कोई प्रायोजित किस्म का कार्यक्रम है...आप बीबीसी की स्टोरी में एम्बेड की गई एक वीडियो में देख सकते हैं कि एक अस्पताल का नाम भी पीछे लिखा गया है....इसलिए मुझे तो यह स्पांसर्ड कार्यक्रम का ही एक रूप दिखा......हम नहीं देखते क्या अपने यहां विभिन्न चैनलों पर विशेषतयः देर रात के समय और अमृत बेला में सुबह सुबह इस तरह के विषयों को विज्ञापन के रूप में सरेआम परोसते रहते हैं.....कभी कोई स्वामी, कभी कोई शाही हकीम......मकसद इन सब का एक कि सारा हिंदोस्तान कैसे भी एक बार उठ तो जाए, तन जाए, खड़ा हो जाए.........अरे भाई,  वे पहले ही से अच्छे से उठे हुए हैं, ऐसे ही थोड़ा १२५ करोड़ हो गये हैं।

वैसे सैक्स की सलाह देने वाले पाकिस्तानी टीवी के इस कार्यक्रम के बारे में मैं यह भी सोच रहा था कि ऐसा कैसे हो सकता है कि जो देश इतना रूढ़िवादी प्रथाओं में जकड़ा हुआ है ... वहां पर कैसे अचानक एक प्रोग्राम शुरू होता है और महिलाएं तक अपने सवाल इतनी बेबाकी से पूछ रही हैं..जिस तरह के प्रश्न आप बीबीसी स्टोरी में पढ़ेंगे।

पता नहीं बात मेरे तो हलक से नीचे नहीं उतर रही.......कुछ न कुछ तो लोचा है उस्ताद......वरना लोग क्या नहीं जानते कि सब कुछ अनानीमस होते हुए भी क्या प्रश्न पूछने वाले की आवाज़ से उन की शिनाख्त नहीं हो सकती.....अगर वे ऐसा नहीं समझते तो मैं उन की हिम्मत की दाद देता हूं और उन की इस पहल के लिए उन्हें बधाई देता हूं।

बस, इतना ही काफ़ी है इस पोस्ट में........इस गंदी बात का ज़िक्र कर के इस बात पर यहीं मिट्टी डाल देते हैं......





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