सोमवार, 19 सितंबर 2016

टैटू गुदवाना एक खतरनाक शौक तो है ही ..

कितनी बार मैं इस विषय पर पहले भी लिख चुका हूं..लेकिन बार बार लिखने से अपने आप को रोक नहीं पाता क्योंकि आज के युवाओं में इस से जुड़े खतरों से बहुत कम जानकारी है..मुझे हमेशा ऐसा लगता है ..

मैं भी कुछ पिछले १५ वर्षों से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मेलों-त्योहारों में इन टैटू गुदवाने वालों का क्रेज देख रहा हूं...पंजाब के मुक्तसर में माघी मेला लगता है ...लगभग १५ साल पहले मैंने वहां सैंकड़ों लोगों को टैटू गुदवाते देखा ..बिल्कुल खराब हालात...अनहाईजिनिक... बीमारियां परोसने के अड्डे एक तरह से..

जी हां, जिस तरह से सड़कों पर बैठे कारीगरों द्वारा टैटू बनाए जाते हैं ...उन के फन के पूरे नंबर हैं..लेकिन वे भी नहीं जानते कि वे जाने-अनजाने हैपेटाइटिस बी, सी और एचआईव्ही इंफेक्शन जैसी गंभीर समस्याएं फैला रहे हैं...फैला तो और भी लोग रहे हैं...सड़क किनारे बैठे दा़ंतों के डाक्टर मरीज़ों का जब इलाज करते हैं, झोलाछाप जब अपने शिकारों को एक छींक आने पर सूई घोंप देता है, फुटपाथों पर बैठे नाई, चलते फिरते लाल टोपी धारी कान रोग विशेषज्ञ, भगंदर को जड़ से खत्म करने का दावा करने वाले बंगाली डाक्टर (इसी नाम से इन्हें बुलाया जाता है)...ये सब भी बीमारियां फैला भी रहे हैं और अकसर इन में स्वयं भी इस तरह की इंफेक्शन होने का अंदेशा तो रहता ही है ..


दो तीन पहले की बात है मैं लखनऊ में कहीं टहल रहा था, यह टैटू देखा तो इस बंदे से पूछ ही लिया कि यह क्या है, कहने लगा कि मंत्र है...मैंने पूछा कि इतनी बड़ी लिखत-पढ़त आज पहली बार देख रहा हूं...फोटो ले लूं?...उसने आज्ञा दे दी. वैसे हैं तो ये फिजूल के पंगे ...जो मैं अब लेने का आदि हो चुका हूं...अब कुछ नहीं हो सकता!

आज सुबह इस बंदे को ओपीडी में देखा तो इस का टैटू यह दिख गया...

मैंने इस को कहा कि तुमने भी सैफ की तरह का काम करवाया हुआ है!

मेरा सहायक पास ही खड़ा था, कहने लगा कि इस काम में एक दिक्कत है ...एक दोस्त का किस्सा बताने लगा कि उस की शादी हुई ..बीवी का नाम गुदवा लिया बाजू पर...लेकिन कुछ समय बाद उस से अनबन रहने लगी ..कहने लगा कि मुझे अब उस के नाम से भी नफरत है, सुबह सुबह बाजू देखता हूं तो उस का नाम दिखता है, बहुत खराब लगता है ...इसी चक्कर में उसने एक दिन चाकू से छील कर और किसी जुगाड़ से अपनी बाजू के उस हिस्से की चमड़ी ही जला डाली..


दो चार दिन पहले यहां हमारे घर के पास ही एक मेला लगा हुआ था...रात के ११ बजे के करीब भी इन टैटू गुदवाने वालों की दुकानदारी चमक रही थी ...बहुत से युवा लगभग इन दर्जन भर टैटू-मेकर्ज़ को घेर कर बैठे हुए थे ...इस तरह की भीड़ में किसी को कुछ सलाह नहीं दी जा सकती ...लेेकिन वे सभी बच्चे अपने आप को विभिन्न खतरनाक बीमारियों को एक्सपोज़ तो कर ही रहे थे..

ऐसा नहीं है कि ये टैटू इन जगहों पर ही गुदवाना खतरनाक है, बडे़ बड़े टुरिस्ट जगहों जैसे मनाली, गोवा, शिमला जैसी जगहों पर बड़े बड़े टैटू स्टूडियों में भी क्या पूरी तरह से एसैप्सिज़ रख पाते होंगे कि नहीं, कुछ पता नही....मुझे ऐसे लगता है कि नॉन-मैडीकल युवाओं के लिए इस तरह के काम पूरी सुरक्षा अंजाम दे पाना नामुमकिन सा होता होगा...दरअसल मुझे इन जगहों की टैटू सुविधाओं के बारे में कुछ ज्यादा पता भी नहीं है।

मुझे नहीं पता टैटू गुदवाने का इतिहास कितना पुराना है ..लेकिन हमारे पेरेन्ट्स, ग्रैंडपेरेन्ट्स सभी लोगों के हाथ या बाजू पर कुछ न कुछ गुदा ही रहा है ..या तो कोई धार्मिक चिन्ह या उनका नाम ...लेकिन पहले भी इस से संक्रमण होते तो होंगे, हमें उन का नाम नहीं पता होगा...जैसे हम आज कल हैपेटाइटिस सी के बारे में सुन रहे हैं कि इतने केस इसलिए आ रहे हैं क्योंकि बीस-तीस साल पहले रक्त चढ़ाने से पहले हैपेटाइटिस सी का परीक्षण ही नहीं होता था...बस, इसी चक्कर में भी संभवतः यह संक्रमण व्यापक स्तर पर फैलता रहा होगा...जो केस कुछ वर्षों बाद लिवर डिसीज़ होने पर चिकित्सकों की पकड़ में आने लगे..ऐसा ही है यह  टैटू गुदवाने का खतरनाक खेल...कुछ भयंकर बीमारियां जिन के बारे में पुख्ता प्रमाण हैं कि वे इस से फैल सकती हैं...हो सकता है कि कुछ बीमारियां और भी हों, जिन के बारे में हमें पता ही न हो!

हम तो अभी तक टैटू के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीन की सूईं को लेकर ही चिंताग्रस्त हैं, लेकिन विकसित देशों में तो वे दूसरी बात से परेशान है ..इस के लिए इस्तेमाल की होने वाली इंक की मिलावट और उसमें जीवाणुओं की कंटेमीनेशन के बारे में वे बड़े सजग हैं..मैंने कुछ पेपर्ज देखे थे ...

चलिए, इस बात को यही खत्म करते हैं .. ढिंढोरा पीटना हमारा काम है, कोई भी निर्णय लेना पाठकों के हाथ में है! Take care...Tattoos and body-piercing are not as harmless as they are projected to be! वही ठीक है, जैसे बच्चे करते हैं ..डिस्पोजेबल टाइप के टैटू, दो मिनट में लगाते हैं, दोस्तों के साथ उन की पार्टी में चिल करते हैं..और अगले दिन धो डालते हैं...