शुक्रवार, 4 जून 2010

मूंगफली मुक्त अमेरिकी उड़ाने ?

अमेरिका में कुछ लोगों को मूंगफली से एलर्जी है इसलिये वहां पर एयरलाइन कंपनियां अपनी उड़ानों को मूंगफली मुक्त करने पर गंभीरता से विचार कर रही हैं। आप स्वयं भी cnn यह रिपोर्ट पढ़ सकते हैं --US considers banning peanuts on planes.
यह मानना पड़ेगा कि उन देशों में यह एलर्जी वगैरह की टैस्टिंग बहुत बढ़िया ढंगों से की जाती है। क्या आपने अपने यहां भी कभी सुना कि किसी को मूंगफली से एलर्जी है, मैंने तो नहीं सुना। एक बात और भी है ना कि यहां तो वैसे ही हमारे पास सेहत से जुड़े इतने बड़े बड़े मुद्दे हैं कि अब इस मूंगफली की एलर्जी को कौन ढूंढवाता फिरे ?
अमेरिका में तो केवल मूंगफली से ही नहीं, इन उड़ानों के दौरान मूंगफली से बनी अन्य चीज़ों पर भी रोक लगाने का मामला विचाराधीन है। मूंगफली से और क्या बनता है? -- आप भी मेरी तरह गज्जक (चिक्की) के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन इस से मक्खन भी बनता है (Peanut butter).
कुछ महीने पहले मैंने एक लेख लिया था कि कैसे विदेश में कुछ स्कूलों ने बच्चों के मूंगफली खाने पर प्रतिबंध लगा दिया है-- क्योंकि वहां कुछ बच्चों को इस से एलर्जी होती है।
चलिये, वहां तो इस तरह के प्रतिबंध लगाये जा रहे हैं, विचाराधीन हैं---लेकिन हम यहां क्या करें ? आप भी मेरी तरह मूंगफली का जश्न तब तक मनाते रहें जब तक कि कोई विदेशी कंपनी के महंगे टैस्ट आपके या मेरे कान खींच कर यह न कह दे कि ओए, यह क्या खा रहा है, तेरे को तो इस से एलर्जी है?
यह तो मानते ही हैं कि मूंगफली प्रोटीन का एक बेहत उमदा स्रोत है। और हमारे देश में खून की कमी (एनीमिया) की बीमारी बहुत आम है। इसलिये मैं हरेक को विशेष कर कमज़ोर महिलाओं को एवं सभी बच्चों को यह सलाह देता हूं कि ठीक है सर्दियों में मूंगफली खाएं लेकिन रात को अगर एक मुट्ठी मूंगफली के कच्चे दाने पानी में भिगो के सुबह गुड़ के साथ नाश्ते के समय खा लें तो बहुत बढ़िया रहता है। मैं भी कईं साल ऐसा करता रहा हूं।
कईं बार ऐसा प्रश्न सामने आता है कि यह सब क्या ग्रीष्मकाल में भी ? ---जी हां, बिल्कुल गर्मी के मौसम में भी इसे भिगो कर खाते रहें --- यह सेहत के लिये, खून की कमी को पूरा करने के लिये बहुत बढ़िया देसी जुगाड़ है। लेकिन यह ध्यान रहे कि ऐसे लोग जो पहले ही से ओवर-व्हेट हैं, स्थूल काया के हैं, मोटापे से परेशान हैं, वे इस के इस्तेमाल से बच कर रहें।
और एक बात ---अब हमें आने वाले समय में सचेत रहना होगा कि हम लोग इन उड़ानों के दौरान जेब में मूंगफली डाल पर हवाईअड्डों पर न दिखें ---- और न ही वहां रह रहे अपने सगे-संबंधियों के लिये मूंगफली से तैयार किये कुछ उम्दा खाद्य पदार्थ ही वहां लेकर जाएं -----कहीं ऐसा न हो कि उड़ान के दौरान किसी को मूंगफली से एलर्जी का अटैक हो जाए और आप के लिये आफ़त हो जाए।
अपने यहां कोई दिक्कत नहीं ---खाते जाएं....चबाते जाएं --मस्त रहें, लेकिन छिलके केवल डस्टबिन में --नहीं तो घर में भी डांट पड़ती है और बाहर लोग बड़े अजीब ढंग से घूरने लगते हैं।
संपादित --15:30......इस पोस्ट पर आई टिप्पणीयां देख कर लगा है कि मैडीकल लेखन में हर बात को खोल के लिखना कितना ज़रूरी है, मुझे लगता है कि मेरी मूंगफली से एलर्जी वाली बात को पाठकों ने वह एलर्जी समझ लिया है जिस के बारे में हम लोग अकसर कह देते हैं कि यार, मुझे यार तेरी इस बात से बड़ी एलर्जी है , मुझे उस से बड़ी एलर्जी है। लेकिन यहां बात हो रही है मैडीकल एलर्जी की ---जिस में मूंगफली खाने से या उस के संपर्क में आने से वही सब कुछ होता है जो किसी को दवाई की या किसी इँजैक्शन से एलर्जी के कारण होता है ---सारे शरीर में सूजन, खाज-खुजली, सांस लेने में दिक्तत, घबराहट और यहां तक कि बहुत बार तो इस के लिये तुरंत कुछ टीके भी लगवाने पड़ सकते हैं ---कईं बार कुछ एैंटी-एलर्जिक दवाईयों से भी काम चल जाता है।