tag:blogger.com,1999:blog-4676398160714951485.post604087696898095030..comments2024-03-28T14:59:05.780+05:30Comments on मीडिया डाक्टर : क्या आप ने कभी लट्टू चलाया है ?Dr Parveen Choprahttp://www.blogger.com/profile/17556799444192593257noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4676398160714951485.post-16667991109069931642008-06-03T06:51:00.000+05:302008-06-03T06:51:00.000+05:30बड़ा यादगारी लेख लिखा। याद आया कि बच्चे लोग सड़क से ...बड़ा यादगारी लेख लिखा। याद आया कि बच्चे लोग सड़क से कोलतार निकाल कर कोकाकोला की बोतल के ढक्कन में भरकर उसमें कील लगाकर लट्टू बनाया-नचाया करते थे।अनूप शुक्लhttp://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676398160714951485.post-68370279888706957212008-06-03T00:21:00.000+05:302008-06-03T00:21:00.000+05:30हमने तो बचपन में खुराफ़ात वाले खेल ज्यादा खेले, लट्...हमने तो बचपन में खुराफ़ात वाले खेल ज्यादा खेले, लट्टू को तो याद नहीं है :-)<br><br>ये बताईये कि बे-ब्लेड क्या होता है ? इसका कोई चित्र देते तो समझ भी आता वरना किसी छोटे बच्चे को फ़ोन करके पूछना पडेगा ।Neeraj Rohillahttp://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676398160714951485.post-75885959773845529842008-06-02T23:42:00.000+05:302008-06-02T23:42:00.000+05:30अरे ये तो सब से मजेदार खेल था। अब जो मैकेनिकल तरीक...अरे ये तो सब से मजेदार खेल था। अब जो मैकेनिकल तरीके से नचाने वाला आता है। वह भी नचाया है। पर उसमें वह मजा नहीं जो लकड़ी का लट्टू जो कील ठोंक कर तैयार होता था और जूट या सूत की डोरी से नचाया जाता था। उल्टा फेंक गिराना और खेंच कर सीधा कर नचाना। खूब याद दिलाई। हमारे यहाँ उसे 'भंवरा'भी कहते थे।दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676398160714951485.post-39538177328467900442008-06-02T21:56:00.000+05:302008-06-02T21:56:00.000+05:30बचपन की याद दिला दी. खूब चलाया है लट्टू. चैम्पियन ...बचपन की याद दिला दी. खूब चलाया है लट्टू. चैम्पियन हुआ करते थे. बिना जमीन पर गिराये सीधे हाथ पर भी नचा लेते थे. :)Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676398160714951485.post-55843227454518419342008-06-02T20:41:00.000+05:302008-06-02T20:41:00.000+05:30खूब याद दिलाया आपने! थोड़ा थोड़ा सब चलाया है - लट्टू...खूब याद दिलाया आपने! थोड़ा थोड़ा सब चलाया है - लट्टू, फिरकी और तकली भी। तकली तो गांधीजी की याद में चलाई थी।Gyandutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com