tag:blogger.com,1999:blog-4676398160714951485.post4701334555630026496..comments2024-03-28T14:59:05.780+05:30Comments on मीडिया डाक्टर : कागज़ के पैकेट में भी आ रहा है गुटखा ..Dr Parveen Choprahttp://www.blogger.com/profile/17556799444192593257noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4676398160714951485.post-78542652977801383892011-12-05T06:45:35.206+05:302011-12-05T06:45:35.206+05:30बिल्कुल सही बताया है।बिल्कुल सही बताया है।SANDEEP PANWARhttps://www.blogger.com/profile/06123246062111427832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676398160714951485.post-44562566966647155902011-10-20T15:03:30.165+05:302011-10-20T15:03:30.165+05:30अपना नहीं तो कम से कम पर्यावरण का तो बचाव किया ही ...अपना नहीं तो कम से कम पर्यावरण का तो बचाव किया ही जाए.<br />घुघूतीबासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676398160714951485.post-73366577295818944322011-08-02T07:35:12.163+05:302011-08-02T07:35:12.163+05:30ये तो भला हो गांधी जी का देश आज़ाद होते ही देश मे ...ये तो भला हो गांधी जी का देश आज़ाद होते ही देश मे अफीम पूर्ण प्रतिबंधित कर दी गयी थी <br />नहीं तो आज पाकिस्तान जैसा हाल होणा था भारत का भीDarshan Lal Bawejahttps://www.blogger.com/profile/10949400799195504029noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676398160714951485.post-84339020426335071022011-08-01T20:36:36.078+05:302011-08-01T20:36:36.078+05:30अब क्या कहूं... बहुत पहले होली के मौके पर भोपाल मे...अब क्या कहूं... बहुत पहले होली के मौके पर भोपाल में ये मुनक्का वटी मैं भी खा चूका हूँ. कहते तो यही हैं की इसमें केवल भांग होती है पर मेरा अनुभव कहता है की इसमें कोई न कोई ओपियम डेरिवेटिव जैसा कुछ भी मिलाया जाता है. कोई कहता है कि इएमें मैन्ड्रेक्स भी होता है. सच मुझे पता नहीं.<br />इन्हें खाने पर आप धीरे-धीरे आपने आसपास की हलचल आदि से अनजान होते जाते हैं. अजीब सी तन्द्रा छाती है. नींद आ जाती है. कुछ लोग बहुत बडबडाने लगते हैं. कोई खाता है तो खाता ही जाता है. कोई हँसता है तो हँसता ही रहता है.<br />असली असर तो दूसरे-तीसरे दिन पता चलता है जब खाने-पीने का मन नहीं करता. सर भारी होता है और आँखें स्याह और डाय्लेट दिखती हैं. मैं आपको एक-दो गोली खाने का असर बता रहा हूँ. मैंने लोगों को दस-दस गोली खाते देखा है. ऊपर से वे दीगर नशे और शराब आदि भी पीते हैं.निशांत मिश्र - Nishant Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08126146331802512127noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676398160714951485.post-4593484884650139962011-08-01T13:13:07.208+05:302011-08-01T13:13:07.208+05:30डॉ साहेब,
क्या कुरकुरे, चिप्स, बिस्कुट, नमकीन - ...डॉ साहेब, <br /><br />क्या कुरकुरे, चिप्स, बिस्कुट, नमकीन - खासकर ५ रुपे वाला पक, प्लास्टिक के कप - मेरे चायवाला रोज ४०० कप का कूड़ा फेंकता है, प्लास्टिक के गिलास, पानी की बोतलें और तो और आजकल १ रुपे में पानी के पाउच भी मिल रहे है - क्या ये सब पर्यावरण को नुक्सान नहीं पहुंचा रहे........ ???<br /><br />कोर्ट इन पर सख्त क्यों नहीं..... सरकार इनका विकल्प क्यों नहीं ढूंढ रही.<br /><br />कृपया अगली पोस्ट में इस पर भी कुछ परकाश डालियेगा.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.com